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इमरान खान की गिरफ्तारी का चुनाव आयोग ने दिया आदेश, कहा- आज पेश करें… सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक!

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने कथित तौर पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए इमरान खान को गिरफ्तार कर आयोग के सामने पेश करने का आदेश जारी किया है. बता दें, इस मामले में खान और पूर्व पार्टी नेता असद उमर और फवाद चौधरी के खिलाफ पिछले साल अवमानना की ​​कार्यवाही शुरू हुई थी.

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने बीते दिन सोमवार को इस्लामाबाद पुलिस को निर्देश दिया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर आज यानी मंगलवार को उसके सामने पेश करें. निर्वाचन आयोग ने अपनी अवमानना से जुड़े एक मामले में यह आदेश दिया है. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP, ईसीपी) सुनवाई से खान की लगातार अनुपस्थिति से नाराज था और उसने अवमानना मामले में पेश नहीं होने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख को गिरफ्तार करने का इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को निर्देश दिया. ईसीपी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग के खिलाफ कथित तौर पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए पिछले साल खान और उनकी पार्टी के पूर्व नेताओं असद उमर और फवाद चौधरी के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की थी.

ईसीपी के सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय पीठ ने 11 जुलाई को पिछली सुनवाई में उमर को राहत देने के साथ-साथ खान और चौधरी के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पीठ ने सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख निर्धारित की थी. अपने नवीनतम आदेश में ईसीपी ने कहा कि 16 जनवरी और दो मार्च को खान के लिए नोटिस और जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद भी वह ईसीपी के सामने पेश होने में विफल रहे थे.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
वहीं, पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने क्वेटा में एक वरिष्ठ वकील की हत्या से जुड़े मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सोमवार को पेशी के बाद नौ अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. पाकिस्तान के डॉन अखबार की खबर के अनुसार न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान की मामले को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किए.

वरिष्ठ वकील अब्दुल रज्जाक शार की हुई थी हत्या
बता दें, वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल रज्जाक शार की छह जून को बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी, जब वह बलूचिस्तान उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण सुनवाई के लिए अदालत जा रहे थे. एक दिन बाद, पुलिस ने मामला दर्ज किया और वकील के बेटे की शिकायत पर प्राथमिकी में खान को नामजद किया.शार ने बलूचिस्तान उच्च न्यायालय में खान के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसमें राजद्रोह से संबंधित अनुच्छेद छह के तहत पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्यवाही का अनुरोध किया गया था. संघीय सरकार और खान की पार्टी ने इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर दोषारोपण करते हुए हत्या में भूमिका होने का आरोप लगाया था.

खान के इशारे पर हुई शार की हत्या- अताउल्लाह तरार

डॉन न्यूज की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सहयोगी अताउल्लाह तरार ने आरोप लगाया था कि राजद्रोह के मामले में जवाबदेही से बचने के लिए खान के इशारे पर शार की हत्या की गई. वहीं, खान की पार्टी के प्रवक्ता रऊफ हसन ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह पर हत्या में भूमिका होने का आरोप लगाया था. आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने मामले में खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसे बाद में बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, खान ने हत्या के मामले में खुद को आरोपी बनाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान, खान को प्राथमिकी और गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने से पहले व्यक्तिगत रूप से पीठ के सामने पेश होने का आदेश दिया था. सोमवार की सुनवाई के दौरान खान अपने वकीलों के साथ उच्चतम न्यायालय में पेश हुए. सुनवाई की शुरुआत में, बलूचिस्तान के महाधिवक्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि याचिकाकर्ता को हत्या की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के सामने पेश होने का निर्देश दिया जाए. अदालत ने कहा कि वह अब ऐसा कोई आदेश जारी नहीं करेगी. पीठ ने पुलिस को मामले में खान की गिरफ्तारी से रोक दिया और कार्यवाही नौ अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.

इमरान खान की बहनों, रिश्तेदार को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू
इधर, पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. पाकिस्तान की एक अदालत ने यहां ऐतिहासिक कोर कमांडर हाउस पर हमले से जुड़े एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो बहनों तथा एक रिश्तेदार को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की है. खान को मई में कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह हमला किया गया था. इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से नौ मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी समर्थकों की भीड़ ने जिन्ना हाउस के नाम से पहचाने जाने वाले कोर कमांडर हाउस में तोड़फोड़ की थी और उसे आग लगा दी थी.

अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद कहा के लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की दो बहनों- अलीमा खान और डॉ. उज्मा तथा उनके रिश्तेदार हसन नियाजी तथा पीटीआई के 19 अन्य नेताओं को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वे लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले में कथित संलिप्तता के मामले में लगातार अदालत की सुनवाई में भाग नहीं ले रहे थे. एटीसी ने 16 अगस्त को अखबारों में एक विज्ञापन जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि आरोपी अगली सुनवाई पर अदालत में उपस्थित रहें, अन्यथा उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा.

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कई PTI नेताओं पर गिरफ्तारी की तलवार

पीटीआई के जिन नेताओं पर भगोड़ा अपराधी घोषित होने की तलवार लटक रही हैं उनमें सीनेटर आजम स्वाति और पूर्व मंत्री मुराद सईद, अली अमीन गांदापुर, फारुख हबीब, मियां असलम और हम्माद अजहर शामिल हैं. पाकिस्तान में नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्द्धसैन्य रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद सरकार-विरोधी अभूतपूर्व प्रदर्शन हुए थे. खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. प्रदर्शनों के दौरान रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय समेत कई सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की गयी या उनमें आग लगा दी गयी. पुलिस तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था.

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