पाकिस्तान का आधा हिस्सा इस समय विनाशकारी बाढ़ में डूब चुका है. इस बार के बाढ़ को 2010 में आये सुपरफ्लड से बड़ा बताया जा रहा है. अबतक बाढ़ से 2000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
तीन करोड़ तीस लाख से अधिक लोग प्रभावित
एक दशक से भी ज्यादा समय बाद बाढ़ की ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जिससे तीन करोड़ तीस लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, पाकिस्तान में बाढ़ के कारण अब तक 982 लोगों की मौत हो चुकी है और पिछले 24 घंटे में 45 लोगों की जान चली गई. एनडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,456 और लोग घायल हुए. गृह मंत्री सनाउल्ला ने कहा कि बाढ़ की ऐसी स्थिति एक दशक से भी ज्यादा समय बाद उत्पन्न हुई है.
Also Read: Explainer : इमरान खान पर मामला दर्ज होने से पाकिस्तान में बढ़ा राजनीतिक संकट, जानें क्या होगा आगेपाकिस्तान में बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैनाती
पाकिस्तान सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों के बाढ़ से प्रभावित होने के बाद बचाव एवं राहत कार्य के वास्ते सेना को बुलाने का निर्णय लिया है. संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत सेना को बुलाया जा रहा है जिसके अनुसार आपातकाल के समय सरकार नागरिकों की सहायता के लिए सेना को बुला सकती है.
बाढ़ से 3161 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त , 682139 घर क्षतिग्रस्त
बाढ़ से देश की अवसंरचना बुरी तरह प्रभावित हुई है और एनडीएमए के अनुसार, 3,161 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 149 पुल बह गए और 6,82,139 घर आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए है. अप्रत्याशित मॉनसूनी बारिश की वजह से आयी बाढ़ के कारण पाकिस्तन का लगभग आधा हिस्सा डूब गया है और 110 जिलों में 57 लाख से ज्यादा लोग बिना आश्रय और भोजन के हैं.
बाढ़ से सबसे अधिक सिंध और बलोचिस्तान प्रभावित
इस आपदा से सिंध और बलोचिस्तान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और पाकिस्तान रेलवे ने कई स्थानों पर सेवाएं निलंबित कर दी हैं. पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान के अनुसार, देश में हर साल तीन से चार बार बारिश का दौर आता था लेकिन इस बार मॉनसून का आठ दौर आ चुका है तथा और बारिश होने की आशंका है. इस साल बाढ़ से हुई क्षति की तुलना 2010-11 में आई बाढ़ से की जा सकती है.
बाढ़ से तबाह हुई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान के कई इलाकों में असामान्य रूप से भारी बारिश होने और उसकी वजह से कई इलाकों में भीषण बाढ़ आने से चालू वित्त वर्ष में चार अरब डॉलर से अधिक की आर्थिक क्षति होने का अनुमान है. पाकिस्तानी समाचारपत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हुए हादसों में करीब 1,000 लोगों की मौत हो चुकी है और करोड़ों रुपये का साजो-सामान नष्ट हो चुका है. एक रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ और बारिश से चालू खाते का घाटा 4.4 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है जो जीडीपी का एक प्रतिशत होगा. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को मजबूरी में 2.6 अरब डॉलर मूल्य का कपास और 90 करोड़ डॉलर मूल्य का गेहूं आयात करना पड़ सकता है. इसके साथ ही उसे एक अरब डॉलर मूल्य का वस्त्र निर्यात भी गंवाना पड़ सकता है. फसलों के अलावा बारिश और बाढ़ में करीब पांच लाख मवेशियों की भी मौत हो गई है. इससे ग्रामीण आबादी पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और दूध की आपूर्ति भी बाधित होने का अंदेशा है.
क्या पाकिस्तान में बाढ़ की वजह जलवायी परिवर्तन है ?
पाकिस्तान में आये विनाशकारी बाढ़ को जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया जा रहा है. तापमान में बढ़ोतरी के कारण यूरोप पिछले 500 वर्षों में सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है. चीन और अमेरिका के कुछ हिस्से भी सूखे की मार से गुजर रहे हैं. पाकिस्तान भी इस समय जलवायु आपदा से गुजर रहा है. हीटवेव, जंगल की आग, ग्लैसियर का पिघलना जैसी घटनाओं के कारण मॉनसून इसबार तबाही लेकर आया है. मौसम विभाग का अनुमान है कि पाकिस्तान में सितम्बर तक भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ की और भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है.