Explainer: शी जिनपिंग लापता ? क्या सच में किये गये नजरबंद, बीजिंग से 6000 फ्लाइट्स कैंसिल दे रहे संकेत
सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपदस्थ उस समय किया गया, जब वह शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान में थे. कुछ ट्विटर पोस्ट में दावा किया गया कि शी के 16 सितंबर को बीजिंग में उतरते ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया था.
चीन में तख्तापलट की खबरें इस समय मीडिया में तेजी से चल रही है. दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद कर लिया गया है. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि खबर में कितनी सच्चाई है.
सोशल मीडिया पोस्ट में दावा- शी जिनपिंग को 16 सितंबर को किया गया हाउस अरेस्ट
सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपदस्थ उस समय किया गया, जब वह शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान में थे. कुछ ट्विटर पोस्ट में दावा किया गया कि शी के 16 सितंबर को बीजिंग में उतरते ही उन्हें नजरबंद कर दिया गया था. ट्विटर पर कई चीनी नागरिकों ने दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने नियंत्रण कर लिया है और अन्य लोगों ने अनुमान लगाया कि जनरल ली कियाओमिंग को चीन का नया राष्ट्रपति बनाया गया है.
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बीजिंग हवाई अड्डे से 6,000 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें रद्द
एक ट्वीट्स में दावा किया गया कि बीजिंग हवाई अड्डे ने 6,000 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें रद्द कर दी हैं, और हाई-स्पीड ट्रेन टिकटों की बिक्री भी रोक दी गई है. इस खबर के सामने आने के बाद इंटरनेट में अफवाहें तेजी से फैलने लगी कि शी जिनपिंग को नजरबंद कर लिया गया और चीन में तख्तापलट हो गया.
चीन में शी जिनपिंग का हो रहा विरोध
चीन में इस हफ्ते दो पूर्व मंत्रियों को मौत की सजा और चार अधिकारियों को उम्रकैद की सजा दिये जाने की खबरें आयीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी एक राजनीतिक गुट के थे. वर्तमान में कम्युनिस्ट पार्टी देश भर में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चला रही है और ऐसा माना जाता है कि जिन छह को सजा दी गयी, सभी शी जिनपिंग के विरोधी थे. माना जाता है कि जिनपिंग की नजरबंदी की खबर शी विरोधी लॉबी द्वारा शुरू और फैलाई गई थी.
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन छोड़ अचानक चीन के रवाना हुए जिनपिंग
बताया जा रहा है कि शी जिनपिंग शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को अचानक छोड़कर 16 सितंबर को चीन के लिए रचाना हो गये. बताया जा रहा है कि उन्हें तख्तापलट की भनक लग गयी थी, जिसके बाद शिखर सम्मेलन के आधिकारिक समाप्ति की घोषणा का भी उन्होंने इंतजार नहीं किया और सम्मेलन छोड़कर अपने देश लौट गये.