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Farmers Protest: किसानों आंदोलन की आंधी पहुंची अमेरिका, सिख अमेरिकियों ने निकाली रैलियां

Farmers Protest वाशिंगटन : भारत में तीन नये कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसानों के समर्थन में अमेरिका के कई शहरों में सैकड़ों सिख अमेरिकियों ने शांतिपूर्वक विरोध रैलियां निकालीं. कैलिफोर्निया के विभिन्न हिस्सों के प्रदर्शनकारियों के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर बढ़ने वाली कारों के बड़े काफिले ने शनिवार को ‘बे ब्रिज' पर यातायात बाधित कर दिया.

Farmers Protest वाशिंगटन : भारत में तीन नये कृषि कानूनों (Farm laws) के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसानों के समर्थन में अमेरिका के कई शहरों में सैकड़ों सिख अमेरिकियों ने शांतिपूर्वक विरोध रैलियां निकालीं. कैलिफोर्निया के विभिन्न हिस्सों के प्रदर्शनकारियों के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर बढ़ने वाली कारों के बड़े काफिले ने शनिवार को ‘बे ब्रिज’ पर यातायात बाधित कर दिया.

इसके अलावा सैकड़ों प्रदर्शनकारी इंडियानापोलिस में एकत्र हुए. इंडियाना निवासी प्रदर्शनकारी गुरिंदर सिंह खालसा ने कहा, ‘किसान देश की आत्मा हैं. हमें अपनी आत्मा की रक्षा करनी चाहिए. अमेरिका और कनाडा के कई शहरों समेत दुनियाभर में लोग उन विधेयकों (कानूनों) के खिलाफ एकजुट हुए हैं, जो भारत के कृषि बाजार को निजी क्षेत्र के लिए खोल देंगे, जो बड़े कॉरपोरेट घरानों को स्वतंत्र कृषि समुदायों का अधिग्रहण करने की अनुमति देंगे और इससे फसलों के बाजार मूल्य में कमी आयेगी.’

इससे एक दिन पहले शिकागो में सिख-अमेरिकी समुदाय के लोग एकत्र हुए और वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने विरोध रैली निकाली गई. रविवार को एक और रैली की योजना है. सिख-अमेरिकियों ने ‘किसान नहीं, भोजन नहीं’ और ‘किसान बचाओ’ जैसे पोस्टर थामकर प्रदर्शन किये. सिख नेता दर्शन सिंह दरार ने कहा, ‘यह भारत सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने का आग्रह नहीं है, बल्कि यह हमारी मांग है.’

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उल्लेखनीय है कि हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के किसान भारत सरकार के नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 11 दिन से लगातार डटे हैं. किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई चरण की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. किसान कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार कई और मुद्दों पर और कानून में संशोधन करने पर राजी है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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