ईरानी के सैन्य परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. मोहसिन शुक्रवार को दामवंद के अब्सार्ड सिटी में थे. यहां उन पर आतंकियों ने गोली और बम से हमला कर दिया. मौके पर ही उनकी मौत हो गई.हत्या कर दी गयी है. जिसके बाद एक बार फिर ईरान और इजराइल के बीच दुश्मनी खुलकर सामने आ चुकी है. ईरान ने वैज्ञानिक की हत्या के पीछे इजराइल के साथ-साथ अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है. वैज्ञानिक की हत्या की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है, इससे पहले भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों की इस तरह हत्या की जाती रही है. मालूम हो फखरीजादेह ने ईरान के तथाकथित परमाणु हथियार अमाद या होप कार्यक्रम का नेतृत्व किया था.
ईरान के विदेश मंत्री ने इजराइल पर हत्या का लगाया आरोप
ईरान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया है कि देश के विघटित सैन्य परमाणु कार्यक्रम से जुड़े एक वैज्ञानिक की हत्या के मामले में इजराइल की भूमिका के गंभीर संकेत हैं. विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने शुक्रवार को ट्विटर पर यह बयान दिया. हालांकि, इजराइल ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. जरीफ ने ट्विटर पर कहा, आतंकवादियों ने एक विख्यात ईरानी वैज्ञानिक की हत्या कर दी. यह कायरना कृत्य साजिशकर्ताओं की हताशा को दर्शाता है, जिसमें इजराइल की भूमिका के गंभीर संकेत हैं.
इजरायली खुफिया एजेंसियां फखरीजदेह को मानती थी परमाणु बम प्रोग्राम का सीक्रेट लीडर
इजराइल की खुफिया एजेंसियां फखरीजदेह को परमाणु बम प्रोग्राम का सीक्रेट लीडर मानती थी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में ईरान पर परमाणु हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए एक कार्यक्रम के दौरान नेतन्याहू ने फखरीजदेह को लेकर कहा था इस नाम को याद रखिएगा, फखरीजदेह.
बेंजामिन नेतन्याहू ने टिप्पणी से किया इनकार
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इस मामले में टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया. जबकि सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी ने उन सवालों के जवाब नहीं दिए, जिनमें कहा गया था कि क्या अमेरिका को हत्या करने की योजना की जानकारी थी.
ट्रम्प ने फखरीज़ादेह की हत्या पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को किया री-ट्वीट
ट्रम्प ने फखरीज़ादेह की हत्या पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को बिना किसी टिप्पणी के फिर से ट्वीट किया, साथ ही एक इजरायली पत्रकार ने एक ट्वीट किया, जिसने हत्या को ईरान के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक और पेशेवर झटका बताया.
दोनों देशों के बीच इतनी गहरी दुश्मनी क्यों?
ईरानी क्रांति के बाद हमेशा इजराइल को खत्म करने की मांग उठती रही है. ईरान को इजराइल के अस्तित्व पर ही आपत्ति रहा है. कट्टर धार्मिक नेताओं का आरोप है कि इजरायल ने गलत तरीके से मुस्लिम जमीन पर कब्जा किया है. दूसरी ओर इजराइल ने हमेशा ईरान के परमाणु प्रोग्राम का विरोध किया है.