‘देश की अनदेखी कर दूसरे देशों को नहीं दिया गया कोरोना का टीका, संकट के दौर में हमने कुछ देशों की मदद की है’
लंदन में जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने आए जयशंकर ने आगे कहा कि लोग समस्याओं को दूर करने के उपाय पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप अधिक लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है. लोगों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गई हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार लोगों की मदद के लिए सबकुछ करने को तैयार है.
लंदन : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर देश में कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेश में अपनी छवि सुधारने के लिए देश की अनदेखी कर टीके दूसरे देशों को नहीं भेजी है. हमने संकट के दौर में कुछ देशों की मदद जरूर की है और आज जब हमें मदद की जरूरत है, तो वे भी हमारी सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं.
लंदन में जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने आए जयशंकर ने आगे कहा कि लोग समस्याओं को दूर करने के उपाय पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप अधिक लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है. लोगों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गई हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार लोगों की मदद के लिए सबकुछ करने को तैयार है.
जयशंकर ने कहा कि जब कोई महामारी आती है, तो तर्क और सवाल खड़े होते होते ही हैं. लोगों ने चुनाव के बारे में कहा है. हम एक लोकतांत्रिक देश हैं. लोकतंत्र में हम चुनाव नहीं रोक सकते. उन्होंने कहा कि कोरोना इस समय दुनिया के लिए बड़ी समस्या है. इस पर एकजुट होकर ही कामयाबी हासिल की जा सकेगी. हम सब एक-दूसरे की मदद के लिए हमेशा तैयार रहे. भारत ने संकट के समय कई देशों को दवा उपलब्ध कराया है. अमेरिका, सिंगापुर, यूरोप समेत कई देशों को टीके दिए गए हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन पहुंचे हैं. जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वे 3 मई को लंदन पहुंचे. इस दौरान मंगलवार को उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के अपने समकक्ष नालेदी पांडोर के साथ बातचीत की और भयावह कोरोना महामारी की चुनौतियों तथा वैश्विक स्वास्थ्य संकट से उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए सहयोग के उपायों पर चर्चा की.
Posted by : Vishwat Sen