France Politics : केवल बजट के कारण घुटने पर आ गए मिशेल बार्नियर, 3 महीने में गिर गई सरकार

France Politics: 60 साल के इतिहास में पहली बार फ्रांस में हुआ बड़ा उलटफेर देखने को मिला. यहां केवल 3 महीने के भीतर मिशेल बार्नियर की सरकार गिर गई.

By Amitabh Kumar | December 5, 2024 8:51 AM

France Politics: फ्रांस में सरकार तीन महीने में ही गिर गई. प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर को अविश्वास प्रस्ताव से हटाया गया है. सांसदों ने उनके खिलाफ प्रस्ताव के समर्थन में भारी मतदान किया. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा नियुक्त किए जाने के केवल तीन महीने बाद यह पूरा घटनाक्रम देखने को मिला. विपक्षी दलों ने यह प्रस्ताव तब पेश किया था जब ब्रेक्सिट के पूर्व वार्ताकार ने विवादास्पद रूप से विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया और बिना वोट के अपने बजट को पारित करवा लिया. यह पहली बार है जब 1962 के बाद से देश की सरकार अविश्वास प्रस्ताव में गिर गई है.

प्रस्ताव के समर्थन में कुल 331 वोट पड़े

यह घटनाक्रम फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता को और बढ़ा देगा. ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मियों में अचानक चुनाव करवाए गए थे. इसमें किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. सांसदों को बुधवार के मतदान में या तो ‘यस’ में वोट देना था या एब्सेंट रहना था. प्रस्ताव पारित होने के लिए 288 वोटों की जरूरत थी. प्रस्ताव के समर्थन में कुल 331 वोट पड़े. अब बार्नियर को अपनी सरकार का इस्तीफा पेश करना होगा, जिस बजट की वजह से उनकी सरकार संकट में आई, वह अब लागू नहीं है. हालांकि, मैक्रों द्वारा उत्तराधिकारी चुनने तक वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम कर सकते हैं.

लेफ्ट और राइट विंग दोनों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया

सोमवार को राष्ट्रपति के आदेश का हवाला दिया गया. सामाजिक सुरक्षा सुधारों को आगे बढ़ाने के बाद लेफ्ट और राइट विंग दोनों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीतने वाले लेफ्ट गठबंधन न्यू पॉपुलर फ्रंट (एनएफपी) ने पहले मैक्रोन के अपने उम्मीदवार के बजाय बार्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के फैसले की आलोचना की थी.

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सरकार के खिलाफ सांसद क्यों? जानें

बार्नियर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मुख्य कारण सामाजिक सुरक्षा बजट को बताया जा रहा है. इस बजट में टैक्स बढ़ाने और खर्चों में कटौती का फैसला लिया गया. इसका लेफ्ट और राइट की पार्टियों ने विरोध किया. सरकार ने इस बजट को बिना संसद की वोटिंग के पास कराने का फैसला लिया. इस वजह से टेंशन बढ़ गई.

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