रोम: इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में गरीब देशों के लिए कोविड-19 के और टीकों की व्यवस्था के लिए प्रयास करने का आह्वान किया. जी-20 की मेजबानी कर रहे द्रागी ने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरुआत में विश्व के कम संपन्न देशों के लिए टीकों की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों को गति देने का आह्वान किया.
द्रागी ने रेखांकित किया कि संपन्न देशों में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो चुका है, जबकि गरीब देशों में केवल तीन प्रतिशत लोगों को ही कोविड-19 रोधी टीके की खुराक मिली है. द्रागी ने इसे नैतिक रूप से अस्वीकार्य बताया. इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार और वैश्विक न्यूनतम निगमित कर दर है.
द्रागी ने रोम के नुवोला में जी-20 के शासनाध्यक्षों का स्वागत किया. शनिवार को सम्मेलन के शुरुआती सत्र में वैश्विक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर चर्चा होने की उम्मीद है. इटली के प्रधानमंत्री ने बहुपक्षीय सहयोग को लेकर नये सिरे से प्रतिबद्धता जताने का आग्रह किया.
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उन्होंने कहा, ‘हम सब जितनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उतना ही यह स्पष्ट होता है कि बहुपक्षवाद उन समस्याओं का सबसे अच्छा जवाब है, जिनका हम आज सामना कर रहे हैं. कई मायनों में यह एकमात्र संभव उत्तर है.’
PM @narendramodi interacting with leaders during the @g20org Summit in Rome. pic.twitter.com/YsQHpl7bMk
— PMO India (@PMOIndia) October 30, 2021
संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले इटली को उम्मीद है कि जी-20 के देश कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता जतायेंगे. जलवायु सम्मेलन रविवार को ग्लासगो, स्कॉटलैंड में शुरू होगा. जी-20 सम्मेलन खत्म होने के तुरंत बाद कई देशों के प्रमुख ग्लासगो जायेंगे.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मेलन से जुड़ेंगे. अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा वैश्विक ऊर्जा बाजार में आपूर्ति और मांग में असंतुलन के बारे में चिंता प्रकट करने की उम्मीद है.
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तेल और गैस दोनों बाजारों में अधिक स्थिरता के महत्व को रेखांकित करेंगे, जो कोरोनो वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अमेरिकी तेल की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर हैं.
एजेंसी इनपुट
Posted By: Mithilesh Jha