बीजिंग : गलवान घाटी मे भारत और चीनी सैनिकों के झड़प के दूसरे दिन चीन ने बेतुका बयान दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है. हम शांति के पक्षधर हैं और इस मामले में शांति चाहते हैं. भारत भी शांति की पहल करें.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने झड़प के दूसरे दिन मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है. लिजियन कहा, हम कूटनीतिक और मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं. इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है, ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए.
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लिजियन ने आगे कहा, चीन के तरफ से हम और अधिक झड़प नहीं देखना चाहते हैं. भारत भी इस मामले में संयमता से काम लें और किसी भी तरह के एकतरफा कार्रवाई करने से बचें.
चीन के 35 जवान हताहत- बता दें कि भारतीय सैनिक से झड़प करने वाले चीन के भी 35 जवान हताहत हुए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीनी पक्ष के 35 जवान हताहत हुए. हालांकि चीनी मीडिया ने अभी तक मरने वालों या घायलों की संख्या नहीं बताई है.
गलवान घाटी का मामला– यह भारत-चीन सीमा पर बहने वाली गलवन नदी की घाटी है. गलवान घाटी पर ही भारत और चीन के बीच जंग हुआ था. गलवान घाटी लेह से नजदीक है, जो भारत के कब्जे में आती है. गलवान घाटी में पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है. यह विवाद भारत द्वारा बनाए जा रहे एक सड़क को लेकर है.
भारत गलवान घाटी के डुरबुक से लेकर दारूल बेग ओल्ड तक सड़क का निर्माण करा रही है. चीन का कहना है कि यह क्षेत्र उसके हिस्से की है. बता दें कि दारूल बेग ओल्ड भारत के अक्साई चीन के इलाके से लगा है, जिसे चीन ने कब्जा कर लिया है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra