इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम हो चुका है. पर इस युद्ध के बाद गाजा में तबाही मंजर हर ओर दिखाई पड़ रहा है. जगह-जगह पर इजरायल के हवाई हमलों का शिकार बने धराशायी हो चुके बड़े बड़े मकान के मलबों का ढेर पड़ा है. उन ढेर के ऊपर लोग अपनी अपनी लुट चुकी जिंदगी के सपनों को फिर से आबाद करने की कोशिश में जुट गये हैं.
11 दिनों तक चले इस युद्ध में 230 फ्लिस्तीनी मारे गये हैं. इनमें 65 बच्चे और 39 महिलाएं शामिल हैं. जबकि 1710 लोग घायल हुए हैं. घायलों में कई की हालत गंभीर बनी हुई है. कई ऐसे परिवार है जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है, अपनो को खो दिया है. लगभग 77,000 लोग इस युद्ध के कारण विस्थापित हुए हैं.
गाजा में हुए नुकसान का अगर आर्थिक तौर पर आंकलन करें तो इजरायल के हमले में उसे 332 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. 184 आवासीय बिल्डिग धराशायी हो गये हैं. इन भवनों में 33 अंतराष्टीय मीडिया के दफ्तर थे, सभी नष्ट हो गये हैं. सिर्फ इससे ही 92 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. 1335 घर पूरी तरह से नष्ट हो गये हैं, जबकि 13000 घरों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि नुकसान को देखते हुए UNWRA ने गाजा को 38 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गाजा में लोग अभी भी सहमें हुए हैं. गाजा के आसमान पर 10 दिनों बाद कोई शोर नहीं है. गाजा के एक स्थानीय व्यक्ति के मुताबिक जिस मलबे के ढेर के पास वह खड़ा था वह कभी एक सैंक्चुरी हुआ करता था. पर अब सब कुछ तहस नहस हो चुका.
अबुल औफ ने कहा कि गाजा में संचालित इस्लामिक आतंकी समूह और इजरायल के कारण यहां कोई सुरक्षित नहीं है. क्योंकि उन्हें डर है कि इजरायल कभी भी पलटवार कर सकता है. अधिकारियों ने गाजा के आसपास की सड़कों को फिर से खोल दिया है जो संघर्ष के दौरान बंद कर दिया गया था. इश युद्ध के कारण गाजा में इतना विनाश हुआ है कि अब वहां जीवन सामान्य होने में वक्त लगेगा. अबुल औफ ने बताया कि इस युद्ध में उसका पूरा घर मलबे में तब्दील हो गया है. जबकि कई जगहों पर घरों के बाहर जले हुए कार और बाइक्स हमले के बाद हुए बर्बादी की गवाही दे रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इजरायली हमले में 17 क्लीनिक और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए, साथ ही तीन बड़े डीसैलियेशन प्लांट, बिजली, सीवेज कार्य प्रभावित हुआ है, इसके अलावा 80,000 लोगो को स्वच्छ पेयजलकी सुविधा प्रभावित हुई है. 53 से ज्यादा स्कूलों को नुकसान पहुंचा है. गाजा को हुए इस नुकसान के कारण यहां फिर से आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. जहां पर बेरोजगारी दर पहले से ही 50 फीसदी है.
Posted By: Pawan Singh