टोरंटो (कनाडा)/जिनेवा: कोरोनावायरस (Coronavirus Pandemic) के लगातार सामने आ रहे नये-नये वैरिएंट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसके और वैरिएंट के सामने आने की चेतावनी दी है, तो कुछ वैज्ञानिकों ने अच्छी खबर भी दी है. कनाडा में शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर आधारित एक मॉडल विकसित किया है, जिससे कोरोनावायरस के विभिन्न स्वरूपों (Variants of Coronavirus) के प्रसार को धीमा करने के सर्वोत्तम तरीकों की जानकारी मिली है.
वाटरलू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में कोविड-19 (Covid19) के संक्रमण के मामलों और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या का विश्लेषण किया और इसमें टीकाकरण दर, मास्क के इस्तेमाल, लॉकडाउन, टीका लेने के बाद संक्रमण होने के मामले जैसे कुछ और पहलुओं पर गौर किया.
रिसर्च मैगजीन ‘साइंटिफिक रिपोर्ट’ में प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट में कनाडा (Canada) के ओंटारियो प्रांत (Ontario Province) में कोविड-19 के हालिया मामलों और ओंटारियो कोविड-19 वैज्ञानिक परामर्श सारणी के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया. वाटरलू विश्वविद्यालय (Waterloo University)में प्रोफेसर अनीता लेटन (Anita Layton) ने कहा, ‘असल में हम मॉडल का निर्माण तब कर रहे थे, जब ओंटारियो में डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) के ज्यादा मामले आ रहे थे. हमने ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) पर भी इस मॉडल का अध्ययन किया. यह मॉडल आगामी किसी भी स्वरूप के प्रसार को समझने के लिए मददगार है.’
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शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने कहा कि यह मॉडल दिखा सकता है कि टीकाकरण का किस तरह का स्तर कहां होना चाहिए या नये स्वरूप के खतरे को कम करने के लिए किस तरह के प्रतिबंध आवश्यक हैं.
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी ने चेताया कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट इसका अंतिम स्वरूप नहीं होगा. अन्य नये स्वरूप के सामने आने की अत्यधिक संभावना है. WHO के आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर मंगलवार को आयोजित सवाल-जवाब के एक सत्र के दौरान संगठन के कोविड-19 तकनीकी दल की मारिया वान केरखोव ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ओमिक्रॉन के चार अलग-अलग रूपों पर नजर बनाये हुए है.
मारिया ने कहा, ‘हम इस वायरस के बारे में अब काफी कुछ जानते हैं, हालांकि, हम सब कुछ नहीं जानते. मैं बिल्कुल साफ तौर पर कहूं, तो वायरस के ये स्वरूप ‘वाइल्ड कार्ड’ हैं. ऐसे में हम इस वायरस पर लगातार बारीकी से नजर बनाये हुए हैं, जिस तरह इसमें बदलाव होते हैं और जिस तरह ये रूप बदलता है. हालांकि, इस वायरस में बदलाव की अत्याधिक संभावनाएं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘ओमिक्रॉन’ सबसे ताजा चिंताजनक स्वरूप है और ये अंतिम चिंताजनक स्वरूप भी नहीं होगा. ऐसे में हमें एक बार फिर से ना केवल टीकाकरण का दायरा बढ़ाना होगा, बल्कि प्रसार की रोकथाम के उपायों का पालन सुनिश्चित करना होगा.’
Posted By: Mithilesh Jha
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