15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने अफगान पर शासन की तैयारी शुरू कर दी है. तालिबानी लड़ाके बाकी बचे प्रातों पर भी जल्द से जल्द कब्जा करना चाहते हैं. सैकड़ों की संख्या में तालिबानी लड़ाके पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं. पंजशीर में हिंसक लड़ाई तय है. इस बीच खबर आ रही है कि बगलान प्रांत में तालिबान के खिलाफ बगावत तेज हो गयी है. आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक बगलान में 300 तालिबानियों को मार गिराया गया है.
खबर यह भी है कि बगलान में कई तालिबानियों को कैद भी किया गया है. बीबीसी की पत्रकार यालदा हकीम ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बगलान के विद्रोहियों ने अंद्राब में छिपकर इस घटन को अंजाम दिया है. इस बड़े हमले में 300 के करीब तालिबानियों के मारे जाने की सूचना है, जबकि कई लड़ाकों को बंदी भी बनाया गया है.
यह भी जानकारी आयी है कि तालिबान लड़ाकों को बगलान में कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. अफगानिस्तान के उत्तरी बलगान प्रांत के तीन जिलों से तालिबान को बाहर खदेड़ दिया गया है. विद्रोहियों ने देह सलाह, पुल-ए-हिसार और बानू को तालिबानी लड़ाकों के कब्जे से मुक्त करा दिया था. हालांकि बाद में फिर से तालिबानियों ने बानू पर कब्जा कर लिया.
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इधर पंजशीर के लड़ाके तालिबानियों के लिए एक बड़ा खतरा हैं. पंजशीर के अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद शाह ने कहा है कि वे तालिबानियों से लड़ाई के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर अपना इलाका तालिबानियों को नहीं सौपेंगे. हमारी लड़ाके हर लड़ाई के लिए तैयार हैं. पंजशीर पर कब्जे के लिए सैकड़ों तालिबानी लड़ाके निकल पड़े हैं.
तालिबान अच्छी तरह जानता है कि पंजशीर पर कब्जे के बिना अफगानिस्तान पर शासन करना आसान काम नहीं है. तालिबान किसी भी तरह इस प्रांत पर कब्जा करना चाहता है. लेकिन इतिहास गवाह है कि पंजशीर में तालिबानियों की एक नहीं चलती है. यह इकलौता ऐसा प्रांत हैं जहां जाने से आज भी तालिबानी डरते हैं. हालांकि मसूद ने कहा कि वह तालिबान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.