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36 करोड़ का इनामी आतंकी हक्कानी बना तालिबान का गृह मंत्री, भारतीय दूतावास समेत कई बड़े हमलों का है मास्टरमाइंड

हक्कानी कितना बड़ा आतंकी है इसका पता इसी से चल जाता है कि वो अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की हिटलिस्ट में हैं. अमेरिकी सरकार ने उसपर 5 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा है. इसके अलावा हक्कानी भारत के लिए भी बड़ी सिरदर्द है

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2021 7:47 AM
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  • सिराजुद्दीन हक्कानी बना अफगानिस्तान का गृह मंत्री

  • भारतीय दूतावास पर करवा चुका है बड़ा हमला

  • एफबीआई ने रखा है 5 मिलियन डॉलर का इनाम

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंदजादा के नेतृत्व में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का गठन हो गया है. तालिबानी सरकार में सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है. हालांकि, हक्कानी ने रक्षा मंत्री के पद की मांग की थी. इसके लिए काफी विवाद भी हुआ. लेकिन काफी मनाने के बाद वो गृहमंत्री पद के लिए राजी हुआ. बता दें, हक्कानी खूंखार आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क का सरगना है.

36 करोड़ रुपये का इनामी आतंकी है हक्कानी: हक्कानी कितना बड़ा आतंकी है इसका पता इसी से चल जाता है कि वो अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की हिटलिस्ट में हैं. अमेरिकी सरकार ने उसपर 5 मिलियन डॉलर का इनाम भी रखा है. इसके अलावा हक्कानी भारत के लिए भी बड़ा सिरदर्द है. हक्कानी भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है.

विरासत में मिला है आतंकी संगठनहक्कानी नेटवर्क: हक्कानी नेटवर्क पहले सिराजुद्दीन हक्कानी के पिता जलालुद्दीन हक्कानी संभालता था. लेकिन उसकी मौत के बाद सिराजुद्दीन के अधीन हो गया. नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार हक्कानी समूह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की वित्तीय और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है. इसके अलावा कई लोगों का मानना है कि, आत्मघाती हमलों की शुरुआत हक्कानी ने ही की थी.

कई बड़े हमलों से जुड़ा है नाम: हकाकानी का नाम कई बड़े आतंकी हमलों से जुड़ा हुआ है. हक्कानी ने कई बार अफगान सरकार, विदेशी राजनयिकों पर आतंकी हमले करवायए हैं. हक्कानी ने ही भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला करवाया था. 2008 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर आत्मघाती कार बम हमला हक्कानी ने करवाया था. हमले में कुल 58 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें कई भारतीय भी शामिल थे.

तालिबान के एक विंग के रुप में काम करता है हक्कानी नेटवर्क: गौरतलब है कि, हक्कानी भले ही तालिबानी शासन में शामिल हो गया है. लेकिन वो तालिबान से अलग है. हक्कानी नेटवर्क तालिबान के एक विंग की तरह काम करता है. इसके अलावा निर्माण के बाद से ही हक्कानी नेटवर्क तालिबान, पाकिस्तान समेत कई और संगठनों से अलग अलग समझौता किए हुए है.

Posted by: Pritish Sahay

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