Heat Wave in India-Pakistan|Global Warming|भारत और पाकिस्तान में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. क्या इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग है? इसका जवाब विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation) ने दिया है. संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी (अत्यधिक गर्मी) के लिए पूरी तरह से जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी.
भीषण गर्मी का दौर बदलते मौसम के अनुरूप
एजेंसी ने कहा कि भीषण गर्मी का दौर बदलते मौसम के अनुरूप है, जिसमें लू चलनी पहले ही शुरू हो जाती है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं.
Also Read: पूर्वोत्तर, मध्य भारत में तापमान ने 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, IMD ने कहा- 50 डिग्री पहुंचेगा तापमान
28 अप्रैल को अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री
इसने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार 28 अप्रैल को कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और भीषण गर्मी दो मई तक जारी रहने का अनुमान है. पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कहा कि देश के कई इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से कुछ डिग्री अधिक रहने का अनुमान है.
The #heatwave in #India and #Pakistan is hitting many millions of people and the economy. Temps topped 45°C (113°F), will ease by 2 May#Heatwaves are one of the signs of #climatechange
Air temps at 1200 UTC from @CopernicusECMWF
WMO roundup at https://t.co/au1UovUieL pic.twitter.com/wGuZXIU2yS— World Meteorological Organization (@WMO) April 29, 2022
सिर्फ Global Warming भीषण गर्मी की वजह नहीं
डब्लूएमओ ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान में अत्यधिक गर्मी के लिए केवल जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी. भीषण गर्मी का दौर बदलते मौसम के अनुरूप है, जिसमें लू चलनी पहले ही शुरू हो जाती है.’ वैश्विक निकाय ने कहा कि दोनों देशों में राष्ट्रीय मौसम विज्ञान, जल विज्ञान विभाग स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन एजेंसियां साथ मिलकर काम कर रही हैं, ताकि गर्मी से निपटने की योजना तैयार की जा सके.
Also Read: Weather Forecast LIVE Updates: मई में और झुलसाएगी गर्मी, आईएमडी ने दी चेतावनी, जानें मौसम का हाल
इन चीजों पर पड़ता है हीट वेव का असर
डब्ल्यूएमओ ने कहा, ‘लू (हीटवेव्स) का न केवल मानव स्वास्थ्य पर, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र, कृषि, जल एवं ऊर्जा आपूर्ति और अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है.’ WMO के अनुसार, ‘मानसून पूर्व की अवधि में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में नियमित रूप से अत्यधिक उच्च तापमान रहेगा, खासतौर से मई में.’