Loading election data...

हिंदी दिवस पर इजरायल में लाल छड़ी मैदान खड़ी …

इजरायल में स्थित भारतीय दूतावास ने एक वीडियो अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है. इस वीडियो के साथ पोस्ट में लिखा गया, "मै भी हिंदी, तुम भी हिंदी, जहां मै देखूं, बस देखूं हिंदी"। सभी भारतीयों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, यह वीडियो हर एक भारतीय के लिए बेहद खास है क्योंकि इसमें जिक्र है हिंदी का. हिन्दी दिवस के मौके पर शेयर किये गये इस वीडियो में दृश्य है इजरायल की एक सड़क का और एक इजरायली व्यक्ति हिंदी गाना गा रहा है. israel hindi diwas israel hindi gana israel story in hindi

By PankajKumar Pathak | September 14, 2020 8:12 PM

नयी दिल्ली : इजरायल में स्थित भारतीय दूतावास ने एक वीडियो अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है. इस वीडियो के साथ पोस्ट में लिखा गया, “मै भी हिंदी, तुम भी हिंदी, जहां मै देखूं, बस देखूं हिंदी”। सभी भारतीयों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, यह वीडियो हर एक भारतीय के लिए बेहद खास है क्योंकि इसमें जिक्र है हिंदी का. हिन्दी दिवस के मौके पर शेयर किये गये इस वीडियो में दृश्य है इजरायल की एक सड़क का और एक इजरायली व्यक्ति हिंदी गाना गा रहा है.

मास्क पहने यह व्यक्ति गाना गा रहा है, लाल छड़ी मैदान खड़ी क्या खूब लड़ी क्या खूब लड़ी, हम दिल से गये हम जां से गये बस आंख मिली और बात बढ़ी. इस बुजुर्ग व्यक्ति का उत्साह वीडियो में देखकर हैरान करता है. अपनी भाषा में थोड़ी सी बातचीत के इस वीडियो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसे फिल्माने वाला व्यक्ति भी गाना गाने वाले की तारीफ कर रहा है.

वीडियो में व्यक्ति इस हिंदी गाने का बड़े उत्साह के साथ गा रहा है. इस वीडियो के नीचे कमेंट बॉक्स में इस व्यक्ति की खूब तारीफ की गयी है साथ ही कई लोगों ने इस रिट्वीट करके हिंदी दिवस की बधाई दी है. इसे खबर बनाने तक 4 हजार से अधिक बार देखा गया है 300 से ज्यादा लोगों ने इसे पसंद किया है.

Also Read: समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं- हमारा समाज, कानून इसकी इजाजत नहीं देता : केंद्र सरकार

देश में भी हिंदी दिवस को लेकर नेताओं ने सभी देशवासियों को बधाई दी. कई देशों में बोली जाने वाली यह भाषा सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है. जिसे भारत की ‘राष्ट्रभाषा’ (National language) के तौर पर भी जाना जाता है. एक अध्ययन की मानें तो यह दुनियाभर में चौथी सबसे ज्यादा बोले जानी वाली भाषा है. इस अवसर पर विभिन्न संस्थानों में हिंदी में बोलने, निबंध या स्पीच देने, दोहे या कविताएं सुनाने की परंपरा होती है.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Next Article

Exit mobile version