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जान दे दूंगा, लेकिन तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करूंगा, पंजशीर के शेर अहमद मसूद ने कही यह बात

अहमद मसूद ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे के बाद पहली बार दिये अपने बयान में कहा कि तालिबानियों के सामने सरेंडर करने से अच्छा मरना पसंद करूंगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2021 8:42 AM
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अफगानिस्तान में सभी जगहों पर तालिबान का कब्जा हो गया है, लेकिन अभी तक पंजशीर तालिबान की जद से दूर है. अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद की अगुवाई में नॉर्दर्न अलायंस के लड़ाके तालिबानी लड़ाकों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. चारों ओर से पहाड़ों से घिरे पंजशीर में प्रवेश का एक ही मार्ग है जिसपर मसूद की सेना चप्पे-चप्पे पर नजर रखी हुई है.

अहमद मसूद ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे के बाद पहली बार दिये अपने बयान में कहा कि तालिबानियों के सामने सरेंडर करने से अच्छा मरना पसंद करूंगा. पंजशीर वही इलाका है जो अब तक तालिबान के कब्जे से बचा रहा है. 20 साल पहले भी तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब भी वह पंजशीर को जीत नहीं पाया था.

पंजशीर के पूर्व मुखिया अहमद शाह मसूद को पंजशीर का शेर कहा जाता था और उनके बेटे को शेर का बेटा कहा जाता है. अहमद मसूद ने कहा कि वह तालिबान से बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके सामने सरेंडर नहीं करेंगे. मसूद ने फ्रेंच मैगजीन को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं. मरना पसंद करूंगा, लेकिन सरेंडर नहीं करूंगा.

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ऐसी खबरें आयी हैं कि अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अतरुल्लाह सालेह, जो वर्तमान में कार्यवाहक राष्ट्रपति है अभी पंजशीर में अहमद मसूद के साथ हैं. मसूद ने दावा किया है कि उनके साथ और लड़ाके जुड़ रहे हैं. कई लड़ाके उनकी सेना में शामिल हो चुके हैं. अपने इंटरव्यू में मसूद ने विदेशी नेताओं और सरकारों से अफगानिस्तान की मदद की मांग की है.

मसूद ने कहा कि वे तालिबान से बात करने को तैयार हैं, क्योंकि उनके पिता ने भी कई बार उनसे बात की है. सभी युद्धों में बातचीत की संभावना होती है. अमेरिकी हथियारों को लेकर मसूद ने कहा कि अमेरिका ने ऐतिहासिक गलती की है. काबुल पर तालिबान के कब्जे से आठ दिन पहले मैं उनसे हथियार मांग रहा था, जो अब तालिबान के कब्जे में हैं. तालिबान के पार अमेरिकी तोप, टैंक और हेलीकॉप्टर है.

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