कराची : पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्ववाली सरकार ने सिंध प्रांत के दो द्वीपों का नियंत्रण राष्ट्रपति अध्यादेश के जरिये अपने हाथ में ले लिया है. सरकार के इस कदम की विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने इसे ”अवैध तरीके से कब्जे में लेना” बताया है.
पाकिस्तान के आंतरिक और जल क्षेत्र में स्थित द्वीपों का विकास और प्रबंधन के उद्देश्य से पाकिस्तान द्वीप विकास प्राधिकरण (पीआईडीए) स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने एक सितंबर को अध्यादेश जारी किया था. इसका उद्देश्य कराची तट के पास स्थित बुंदल और बुद्दू द्वीपों के शहरों का विकास करना है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार इस कदम को सुर्खियों में आने से रोकने में कामयाब रही, लेकिन भुट्टो ने सोमवार को इस घटनाक्रम को ट्विटर पर पोस्ट कर दिया और संकल्प लिया कि उनकी पार्टी संघीय सरकार के कदम का नेशलन असंबेली (संसद), सीनेट और प्रांतीय विधानसभा में विरोध करेगी.
उन्होंने ट्वीट किया है कि, ”पाकिस्तान पीपल्स पार्टी, पीटीआई सरकार द्वारा राष्ट्रपति के अध्यादेश के जरिये सिंध के द्वीपों को अवैध तरीके से कब्जे में लेने का विरोध करेगी.” हालांकि, कई राष्ट्रवादी पार्टियों, लेखकों, बुद्धिजीवियों और कवियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है.
पीपीपी की केंद्रीय सूचना सचिव डॉ नफीसा शाह ने ट्विटर पर कहा, ”पीपीपी, द्वीप विकास प्राधिकरण स्थापित करने के इस असंवैधानिक अध्यादेश को खारिज करती है. यह भूमि हड़पने और द्वीपों पर कब्जे से कम नहीं है, जो संविधान के अनुच्छेद 172/2 के तहत सिंध के हैं.”