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खतरे में इमरान खान की कुर्सी! 28 मार्च के बाद पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की तैयारी

Imran Khan Govt Under Threat: इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 14 सांसद प्रधानमंत्री के खिलाफ हो गये हैं. इन सांसदों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

इस्लामाबाद : भारत के साथ शत्रुता का भाव रखने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी खतरे में पड़ गयी है. कभी भी उन्हें सत्ता से बेदखल किया जा सकता है. इमरान खान के अपने लोग भी उनसे नाराज हो गये हैं. इसलिए माना जा रहा है कि इमरान खान का सत्ता में बने रहना मुश्किल होगा.

21 मार्च को सदन में आ सकता है अविश्वास प्रस्ताव

राजनीतिक उठापटक के बीच 21 मार्च को पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव आने वाला है. इससे पहले इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 14 सांसद प्रधानमंत्री के खिलाफ हो गये हैं. इन सांसदों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है. दूसरी तरफ पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो ने भी स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दे दी है.

OIC के सत्र पर भी खतरे के बादल

बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के बेेट बिलावल भुट्टो, जो पीपीपी के नेता भी हैं, ने कहा है कि अगर 21 मार्च को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं दी गयी, तो वे अपनी पार्टी के नेताओं के साथ सदन से बाहर नहीं जायेंगे. इतना ही नहीं, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सत्र पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.

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सड़क पर जाम लगाने की चेतावनी

बिलावल भुट्टो ने कहा है कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने 21 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, तो विरोधी दलों के नेता और समर्थक सड़क जाम कर देंगे. विपक्षी दलों के नेता ओआईसी का सम्मेलन भी नहीं होने देंगे. अपने असंतुष्ट सांसदों को इमरान खान के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है.

28 मार्च को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में फ्लोर टेस्ट

ज्ञात हो कि इमरान खान सरकार की सेना के साथ रिश्तों में दरार आ गयी है. 28 मार्च को इमरान खान को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा. इमरान खान की कैबिनेट में सूचना मंत्री फवाद खान ने कहा है कि सरकार कहीं नहीं जा रही. इमरान के बिना पाकिस्तान में लोकतंत्र संभव ही नहीं है.

नाराज सांसदों के लिए ‘पश्चाताप के द्वार’ खुले

उन्होंने नाराज सांसदों से कहा है कि उनके सरकार में लौटने का वक्त बाकी है. सभी लोग सरकार का साथ दें, क्योंकि ‘पश्चाताप के द्वार’ खुले हैं. उन्होंने कहा कि इमरान खान का विरोध कर रहे नेता इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र हैं. पीएम को ब्लैकमेल करने की नीति को उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

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ये सांसद हैं इमरान खान से नाराज

बता दें कि नूर आलम खान, डॉ मुहम्मद अफजल खान ढांडला, राजा रियाज अहमद, अहमद हुसैन देहर, नवाब शेर, राणा मुहम्मद बिन कासिम नून, आमिर तलाल गोपांग, मुहम्मद अब्दुल गफर वट्टू, मखदूम जादा सैयद बासित अहमद सुल्तान, ख्वाजा शेराज महमूद, रमेश कुमार वंकवानी, वजीहा कमर, नुजहत पठान एवं सरदार रियाज महमूद खान मजारी ने ऐलान कर रखा है कि वे इमरान खान के खिलाफ वोट करेंगे.

इमरान को देना पड़ेगा इस्तीफा

ज्ञात हो कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को सदन में बहुमत के लिए 172 वोट की जरूरत पड़ेगी. सदन में इमरान खान की पार्टी के 155 सदस्य हैं. उसे 6 दलों के 23 सदस्यों का समर्थन भी हासिल है. इसलिए अब तक वह बहुमत में हैं. अगर इमरान से नाराज विधायकों ने उनका समर्थन करना बंद कर दिया, तो विपक्ष मजबूत स्थिति में होगा और इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

Posted By: Mithilesh Jha

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