अविश्वास प्रस्ताव पर सेना की चुप्पी से इमरान खान की निकली हवा, बाजवा की दरबार में टेका मत्था

बताते चलें कि इमरान खान और सेना के बीच दरार तब स्पष्ट हुई जब पीटीआई नेता ने 11 मार्च को अपने अभद्र भाषा के भाषण में विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की बाजवा की सलाह को खारिज कर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2022 11:17 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में संयुक्त विपक्ष की ओर से नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वहां की सेना ने तटस्थ होकर चुप्पी साधी हुई है. उसकी इस चुप्पी से इमरान खान की हवा ही निकल गई. आनन-फानन में अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए उन्होंने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की दरबार में मत्था टेका और उनसे मुलाकात कर अपना दुखड़ा सुनाया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बीच शुक्रवार को सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की. बैठक के एजेंडे के आसपास अटकलें तेज थीं. स्थानीय मीडिया में कयास लगाया जा रहा है कि इस मुलाकात में इमरान खान और बाजवा ने पाकिस्तान में आगामी इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) शिखर सम्मेलन, बलूचिस्तान में अशांति और इमरान खान के खिलाफ आगामी अविश्वास मत पर चर्चा की है.

पाकिस्तानी मीडिया की खबर के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अधिकांश नेता इस बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं. इस बैठक का नतीजा देश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच महत्वपूर्ण होगा. इतना ही नहीं, आर्थिक कुप्रबंधन और खराब विदेश नीति के आरोप में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए विपक्षी दलों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के बैनर तले रैली की है.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार नए डीजी (आईएसआई) की नियुक्ति को लेकर बाजवा और खान के बीच मतभेदों ने भी बाद की वजह से सेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान की मदद नहीं की है. बैठक को पूर्व क्रिकेटर द्वारा पाकिस्तानी सेना की अच्छी किताबों में वापस लाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसने अब तक अविश्वास मत पर तटस्थता बनाए रखी है.

बताते चलें कि इमरान खान और सेना के बीच दरार तब स्पष्ट हुई जब पीटीआई नेता ने 11 मार्च को अपने अभद्र भाषा के भाषण में विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की बाजवा की सलाह को खारिज कर दिया. इस्लाम (एफ) नेता मौलाना फजलुर रहमान के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए का हवाला देते हुए खान ने कहा कि मैं सिर्फ जनरल बाजवा से बात कर रहा था और उन्होंने मुझसे फजल को ‘डीजल’ नहीं कहने के लिए कहा था, लेकिन मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं. लोगों ने उन्हें डीजल नाम दिया है.

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बता दें कि विपक्ष को इमरान खान को उनके पद से हटाने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की आवश्यकता है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस्लामाबाद में सिंध हाउस में रखे गए पीटीआई विधायकों की एक पर्याप्त संख्या को व्यापक रूप से विवेक का प्रयोग करने वाली अपनी पार्टी के खिलाफ वोट देने के लिए माना जाता है. वोट करें. पीटीआई के फहीम खान और अताउल्लाह नियाज को शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह का नेतृत्व करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जो गेट तोड़कर सिंध हाउस में दाखिल हुए थे.

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