इमरान खान ने दी चेतावनी, पाकिस्तान में चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो होकर रहेगा गृहयुद्ध
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की शक्तिशाली सेना पर हमला करते हुए यह स्वीकार किया है कि उनकी सरकार एक कमजोर सरकार थी, जिसे हर तरफ से ब्लैकमेल किया जाता था.
इस्लामाबाद : अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान में चुनाव कराने को लेकर घोषणा नहीं की गई, तो गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो जाएगी. पाकिस्तान में अंग्रेजी के समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान ने ‘बोल न्यूज’ को बुधवार को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि वह प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपनी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह चुनाव की मांग को लेकर एक और मार्च निकालने की जल्द घोषणा करेंगे.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आगाह कया, ‘हम देखेंगे कि क्या वे हमें कानूनी और संवैधानिक तरीकों से चुनाव कराने की अनुमति देते हैं या नहीं. ऐसा नहीं हुआ तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कि नेशनल असेंबली में लौटने का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि ऐसा करने का मतलब होगा कि उन्होंने ‘‘उस साजिश को स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत उनकी सरकार को सत्ता से बाहर किया गया.
अविश्वास प्रस्ताव के जरिए गई इमरान की कुर्सी
गौरतलब है कि खान को पिछले महीने विपक्षी पार्टियों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था. हालांकि, उन्होंने इसे अस्वीकार करते हुए उनकी सरकार की बेदखली में अमेरिका का हाथ होने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही खान नए सिरे चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके शब्दों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार आयातित है और पाकिस्तानी लोगों को एक सच्चा प्रतिनिधि चाहिए.
इमरान ने माना, उनकी सरकार कमजोर थी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश की शक्तिशाली सेना पर हमला करते हुए यह स्वीकार किया है कि उनकी सरकार एक कमजोर सरकार थी, जिसे हर तरफ से ब्लैकमेल किया जाता था. उन्होंने कहा कि सत्ता की बागडोर उनके हाथ में नहीं थी और सभी को पता था कि वह किसके पास है. अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में खान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री का आरोप है कि यह अमेरिका-नीत साजिश का हिस्सा था क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी.
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बहुमत की सरकार बनाने का करेंगे प्रयास
डॉन अखबार के अनुसार, साक्षात्कार में खान से उस रात के बारे में सवाल किया गया, जब उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. उनसे पूछा गया कि कौन आदेश दे रहा था और किसने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तथा पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के विरुद्ध मामलों में रुकावट पैदा की. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख ने कहा कि उनकी सरकार जब से सत्ता में आई थी, तभी से वह कमजोर थी और उसे गठबंधन की जरूरत पड़ी. खान ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा हुई तो वह फिर से चुनाव कराने का विकल्प चुनेंगे और बहुमत की सरकार बनाने का प्रयास करेंगे.