सीनेट चुनाव में हार से बौखलाए इमरान खान, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले अपने ही सांसदों को दिए धमकी

व्हिप जारी करने से पहले भावुक इमरान ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान होने वाले मतदान में जो फैसला आएगा, वह उसे मानेंगे. उन्होंने कहा कि उनका साथ नहीं देने वाले जीते, तो वह विपक्ष में बैठेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2021 11:45 AM

इस्लामाबाद : अपनी सरकार को अल्पमत में जाते देखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुरी तरह से बौखला गए लगते हैं. शनिवार को पाकिस्तानी संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के पहले ही उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों को धमकी तक दे डाली है. इमरान खान को सीनेट चुनावों में मिली हार से करारा झटका लगा है. इसका असर उनकी हरकतों से साफ नजर आ रहा है.

अविश्वास प्रस्ताव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों को पत्र लिखकर व्हिप जारी किया है. उन्होंने पत्र के जरिए सांसदों को धमकी दी है कि सदस्य पार्टी लाइन में रहें या फिर कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें. दरअसल, आरोप लगे थे कि सीनेट चुनावों में इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेताओं ने पार्टीलाइन से अलग जाकर मतदान किए थे.

व्हिप जारी करने से पहले भावुक इमरान ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान होने वाले मतदान में जो फैसला आएगा, वह उसे मानेंगे. उन्होंने कहा कि उनका साथ नहीं देने वाले जीते, तो वह विपक्ष में बैठेंगे. अब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में तहरीक-ए-इंसाफ के सभी सदस्यों को लिखे पत्र में इमरान ने लिखा, ‘आपको प्रधानमंत्री पर अविश्वास प्रस्ताव पर होने जा रहे मतदान में पार्टी के निर्देशों के मुताबिक वोट डालने हैं. अगर कोई नेता मतदान में शामिल नहीं होता है या पार्टी के निर्देश के मुताबिक मतदान नहीं करता है, पार्टी आलाकमान किसी भी सदस्य को डिफेक्टेड करार दे सकता है और इसकी सूचना चुनाव आयोग को दे दी जाएगी.’ इसके अलावा, सांसदों से असेंबली हॉल के दरवाजे बंद होने से पहले अंदर मौजूद रहने को कहा गया है.

सीनेट चुनाव में देश के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से सिर्फ 5 वोटों से हार गए थे. आरोप है कि सीक्रेट बैलेट वोटिंग में पीटीआई के कुछ नेताओं ने पीपीपी के समर्थन में वोट डाले थे. पीपीपी पर इन सदस्यों को अपने पक्ष में वोट डालने को राजी करने के लिए गलत तरीके अपनाने का आरोप लगाया है. सीनेट चुनाव में अब्दुल हफीज शेख की हार के बाद से इमरान खान बुरी तरह से बौखलाए हुए नजर आ रहे हैं.

मीडिया की खबरों के अनुसार, अब अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सीक्रेट वोटिंग नहीं होगी और अगर पीटीआई सांसद पार्टी या प्रधानमंत्री के खिलाफ मतदान करते हैं, तो वे देखे जा सकेंगे. इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 341 में से 171 सांसदों के वोट चाहिए. कुल 342 में से एक सीट खाली है. इमरान ने जब अपनी पार्टी और गठबंधन सहयोगियों की बैठक बुलाई, तो उसमें 179 सदस्य मौजूद थे. बावजूद इसके व्हिप जारी करने से इमरान की बौखलाहट साफ झलक रही है.

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Posted by : Vishwat Sen

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