Imran Khan की पत्नी की जान पाकिस्तान में खतरे में है. उनकी प्रवक्ता ने दावा किया कि जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के इफ्तार वाले भोजन में ‘टायलेट क्लीनर’ की दो से तीन बूंदें मिलाई गईं. उन्होंने दावा किया कि क्लीनर कथित तौर पर 24 फरवरी को शब-ए-बारात के दौरान दिए गए भोजन में मिलाया गया.जियो न्यूज ने बुशरा बीबी की प्रवक्ता मशाल युसूफजई के हवाले से कहा कि हमने पाया कि बुशरा बीबी के इफ्तार वाले भोजन में दो से तीन बूंदे ‘टायलेट क्लीनर’ की मिलाई गई थीं. उन्होने दावा किया कि उस दिन के खाने के बाद बुशरा की तबीयत खराब हो गई और हर रोज उनकी सेहत बिगड़ती जा रही है.
गैर इस्लामिक निकाह
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें रक्तचाप और मधुमेह सहित कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद से बुशरा बीबी की सेहत खराब हो रही हैं, कुछ तो उनके साथ हुआ है. बुशरा और इमरान खान की शादी को फरवरी में ‘गैर इस्लामिक निकाह’ घोषित किए जाने के बाद से वह दो अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद से गाला के अपने मकान में कैद हैं. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री की सलाहकार यूसुफजई ने सवाल किया कि जब अदालत तीन सप्ताह से अधिकारियों को निर्देश दे रही थी कि बुशरा की चिकित्सा जांच कराई जाए तो उसने ऐसा क्यों नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बुशरा बीबी को इमरान खान की पत्नी होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है.
भड़काऊ बयान देने पर रोक लगायी
यह भी खबर है कि पाकिस्तान की एक अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर सेना समेत विभिन्न राजकीय संस्थाओं के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी करने को लेकर बंदी लगा दी है. निष्पक्ष सुनवाई की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश बसीर जावेद ने यह भी कहा कि मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग अदालत की कार्यवाही तक सीमित रखनी चाहिए और उसे आरोपियों के बयानों की रिपोर्टिंग नहीं करनी चाहिए.
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सेना के खिलाफ दिया था बयान
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि आदेश के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान ने सेना, न्यायपालिका एवं सेना प्रमुख समेत राजकीय संस्थाओं के विरूद्ध भड़काऊ राजनीतिक बयान दिया था.अदालती आदेश के अनुसार ऐसे बयानों से न्यायिक अनुशासन बाधित होता है एवं न्यायिक कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है. इस आदेश में कहा गया है कि पीटीआई संस्थापक की सुनवाई के दौरान मीडिया आरोपियों के बयानों पर नहीं, बल्कि अदालती कार्यवाही तक अपनी रिपोर्टिंग सीमित रखेगी.
इमरान कोई बयानबाजी न करें
अपने आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष, आरोपी एवं उनके वकील ऐसा कोई राजनीतिक एवं भड़काऊ बयान नहीं दें जिनसे अदालती अनुशासन बाधित हो. खान ने अडियाला जेल में मीडियाकर्मियों से संवाद के दौरान कहा था कि लोकतंत्र कानून की सर्वोच्चता तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की धुरी पर टिका है लेकिन हमने जो कुछ देखा वह जंगल कानून था. पंजाब के उपचुनावों में पुलिस का दखल बहुत ही चिंताजनक है.