कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान को फिर आई भारत की याद, पड़ोसी के साथ फिर शुरू करना चाहता है व्यापार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा कि जहां तक वाणिज्य मंत्रालय का सवाल है, हम भारत के साथ व्यापार चाहते हैं. जहां तक मेरे रुख का सवाल है, हम भारत के साथ व्यापार खोलना चाहते हैं.
लाहौर : जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के लिए धारा-370 को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते समाप्त कर दिया गया था. अब आर्थिक कमजोरी की वजह से कंगाली की मार झेल रहा पाकिस्तान को एक बार फिर भारत की याद आ रही है और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान अपने पड़ोसी देश के साथ व्यापार शुरू करना चाहते हैं.
भारत के साथ व्यापार समय की जरूरत
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने भारत के साथ व्यापार फिर खोलने की वकालत की है. भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार अगस्त 2019 से निलंबित है. पाकिस्तानी अखबर द डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा कि आज भारत के साथ व्यापार समय की जरूरत है.
पड़ोसी से व्यापार फायदेमंद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने कहा कि जहां तक वाणिज्य मंत्रालय का सवाल है, हम भारत के साथ व्यापार चाहते हैं. जहां तक मेरे रुख का सवाल है, हम भारत के साथ व्यापार खोलना चाहते हैं. अब्दुल रजाक दाऊद कपड़ा, उद्योग, उत्पादन और निवेश पर प्रधानमंत्री के सलाहकार हैं. खबरों में दाऊद के हवाले से कहा गया है कि भारत के साथ व्यापार सभी के लिए फायदेमंद है. विशेषरूप से पाकिस्तान के लिए. मैं इसके समर्थन में हूं.
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भारत-पाकिस्तान व्यापारिक संबंध शुरू होने के आसार
दाऊद के इस बयान के बाद पाकिस्तान-भारत द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के आंशिक रूप से फिर खुलने की संभावना बनी है. पांच अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद दोनों देशों के व्यापारिक संबंध निलंबित हैं. मार्च, 2021 में पाकिस्तान आर्थिक समन्वय समिति ने भारत से चीनी और कपास के आयात पर प्रतिबंध हटा दिया था. हालांकि, इस फैसले को तत्काल वापस ले लिया गया था, क्योंकि इस पर पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने सभी हितधारकों से विचार-विमर्श नहीं किया था.