इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी बचेगी या फिर देश में मध्यावधि चुनाव होगा? आज पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान के दौरान ही फैसला हो जाएगा. पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच जाने के बाद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के बाद संयुक्त विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिस पर आज मतदान होना है. हालांकि, खुद की कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान ने अपने तरकश के सारे तीर छोड़ दिए हैं. बावजूद इसके, उनकी कुर्सी बचती दिखाई नहीं दे रही है.
हालांकि, पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने गुरुवार को इस बात के संकेत भी दिए हैं कि नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से उत्पन्न मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करने के लिए देश में मध्यावधि चुनाव कराए जा सकते हैं. इमरान खान इन दिनों अपनी सरकार बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
राजधानी इस्लामाबाद में मीडिया से बात करते हुए गृहमंत्री ने पार्टी के बागियों को चेतावनी दी कि पाला बदलना उनके लिए ठीक नहीं होगा. आठ मार्च को विपक्षी पार्टियों द्वारा नेशनल असेंबली के सचिवालय में खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था. इसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है.
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विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. 69 वर्षीय इमरान खान गठबंधन की सरकार चला रहे हैं और अगर कोई साझेदार समर्थन वापस लेने का फैसला करता है तो उन्हें हटाया जा सकता है.
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प्रधानमंत्री उस समय संकट में घिर गये, जब उनकी सहयोगी पार्टियों के 23 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्हें समर्थन देने का स्पष्ट संकेत देने से मना कर दिया. इमरान खान की समस्या उस समय और बढ़ गई जब उनकी ही पार्टी के करीब दो दर्जन सदस्यों ने बगावती रुख अपना लिया. हालांकि, इमरान खान और उनके मंत्री यह व्यक्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक है और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा.