लाहौर : पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के केंद्र और प्रांतीय सरकार के सांसद और विधायक सामूहिक इस्तीफा दे सकते हैं. इस आशय की जानकारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के पंजाब प्रांत के अध्यक्ष राना सनाउल्लाह ने दी है. उन्होंने कहा कि इसका अंतिम फैसला पीडीएम के नेता करेंगे. सनाउल्लाह ने कहा कि यदि इमरान सरकार ने विपक्षी नेताओं से बात नहीं की और संवादहीनता की स्थिति बढ़ाने की कोशिश की, तो इससे हालात बिगड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि इस्तीफे के संबंध में पीडीएम जो भी निर्णय लेगा, हमारी पार्टी उस पर अमल करेगी. उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों की 13 दिसंबर को लाहौर रैली में भी हजारों लोग जुटने वाले हैं. इससे पहले 16 अक्तूबर से विपक्षियों की पांच रैली गुजरांवाला, कराची, क्वेटा, पेशावर और मुल्तान में हो चुकी हैं. रैली में हजारों लोग जुटे और इमरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
सामूहिक छुट्टी पर गये जज : पाकिस्तान के कसूर जिले में बार काउंसिल अध्यक्ष के दुर्व्यवहार के कारण यहां के सभी दस जज सामूहिक छुट्टी पर चले गये हैं. बार अध्यक्ष ने एक जज के साथ दुर्व्यवहार कर दिया था. इन सभी जजों ने अदालत में काम रोक दिया.
दिवालिया होने की कगार पर देश : विपक्ष- विपक्ष ने इमरान खान सरकार पर आरोप लगाया है कि गलत नीतियों के कारण देश दिवालिया होने की कगार पर आकर खड़ा हो गया है. पीडीएम नेताओं ने एक भाषण में कहा कि उन्होंने संघर्ष शुरू कर दिया है और यह इमरान सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंके जाने तक जारी रहेगा.
नेताओं ने कहा कि जिस सरकार ने लोगों से एक करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, वह अब उनसे मौजूदा रोजगार भी छीन रही है. यही वजह है कि लोग खुदकुशी की बात सोचने लगे हैं. सरकार गिरफ्तारियां समेत अन्य तरीकों से जुल्म करने में लगी है, लेकिन हमारा संघर्ष तार्किक निष्कर्ष निकलने तक जारी रहेगा.
Posted by : Pritish Sahay