Israel-Palestine Conflict: इजरायल फ्लिस्तीन संघर्ष की वजह क्या है, धर्म सत्ता या हमास, पढ़ें In Depth Story
Israel Palestine Conflict reason: एशिया एक और युद्ध के कगार पर है क्योंकि इजरायल और फ्लिस्तीन के चरमपंथियों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. इजरायल की सड़कों पर गुस्सा और भय है. यहूदी और अरब के लोगों के बीच हिंसा जारी है. इन सबके बीच यूएन के शांती की अपील की बाद भी दोनों पक्षों के नेता पीछे हटने को तैयार नहीं है. नेतन्याहू की हमास को परिणाम भुगतने की चेतावनी ने चिंता को और बढ़ा दिया है.
एशिया एक और युद्ध के कगार पर है क्योंकि इजरायल और फ्लिस्तीन के चरमपंथियों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. इजरायल की सड़कों पर गुस्सा और भय है. यहूदी और अरब के लोगों के बीच हिंसा जारी है. इन सबके बीच यूएन के शांती की अपील की बाद भी दोनों पक्षों के नेता पीछे हटने को तैयार नहीं है. नेतन्याहू की हमास को परिणाम भुगतने की चेतावनी ने चिंता को और बढ़ा दिया है.
इस संघर्ष में दोनों की तरफ से लोग हताहत हो रहे हैं. इजरायल हवाई हमले कर रहा है. साथ ही गाजा नें जमीनी कार्रवाई की धमकी भी दी है. वहीं गाजा से लागातार रॉकेट दागे जा रहे हैं. हजारों परिवार जान बचाने के लिए पलायन कर चुके हैं और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. दोनों देशों के बीच आखिर इस युद्ध की शुरूआत कैसे और क्यों हुई इसके मायने क्या है पढ़ें.
यहां से हुई शुरूआत
अंतराष्ट्रीय मीडिया में हिंसा की तस्वीरें उस समय आयी जब पूर्वी यरुशलम में पवित्र पहाड़ी परिसर में फिलिस्तीनियों और इजरायली पुलिस के बीच संघर्ष हुआ. यहां स्थित अल अक्सा मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है. इस मस्जिद में इकट्ठा होने पर प्रतिबंध को लेकर पूर्वी पूर्वी यरुशलम में इजरायली पुलिस के साथ लगातार टकराव को लेकर फिलिस्तीनी पहले से ही गुस्से में थे. इसके बाद पूर्वी पूर्वी यरुशलम में मुख्य रूप से फिलिस्तीन के पड़ोसी शेख जर्राह के बेदखल परिवारों के भाग्य का फैसले को अदालत ने स्थगित कर दिया, जिसने इस गुस्से को और भड़काने का काम किया.
Also Read: Israel-Palestine Conflict: इजरायल फ्लिस्तीन के बीच संघर्ष जारी,नेतन्याहू की हमास को चेतावनी, गाजा से हजारों परिवारों का पलायनयरुसलम डे पर निकाला गया जुलूस
इन सबके बावजूद अपनी ताकत दिखाने के लिए इजरायल के यहूदियों ने 10 मई को यरुसलम डे को ध्यान में रखकर एक जुलूस निकाला. इसे पूर्वी यरुसलम पर कब्जा करने की खुशी में मनाया जाता है. वहीं हमास ने हमेशा मांग की है कि रमजान के पवित्र महीने में इजरायल अल अक्सा से अपनी पुलिस की तैनाती को वापस बुला ले. यहां मंदिर मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पूजनीय है. यह शेख जर्राह जिला में पड़ता है.
फ्लिस्तीनी परिवारों पर यहूदियों का बेदखल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि यहूदी लोग इस क्षेत्र में फ्लिस्तीनी परिवारों को अक्सर बेदखल कर देते हैं. इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गयी है. पर जब इसे अनसुना कर दिया गया तो चरमपंथियों ने गाजा से इजरायल पर रॉकेट दागना शुरू कर दिया. वर्तमान में अल अक्सा मस्जिद के आसपास की हवा में आसूं गैस के गोले और बारूद का धुआं ही नजर आता है.
Also Read: Israel-Palestine Conflict: जल्द खत्म नहीं हुई तो खतरनाक हो सकती है लड़ाई, जानिए इजराइल की सेना ने क्या दी चेतावनीअक्सा मस्जिद पर सभाएं सीमित करने का इजरायल का प्रयास
हालिया घटनाओं को शेख जर्राह की जमीन पर स्वामित्व और अल अक्सा मस्जिद में सभाओं को सीमित करने के जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इजरायल ऐसा प्रयास कर रहा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अल अक्सा को लेकर विवाद शुरू हुआ है. वर्ष 2000 के बाद से ही यह धार्मिक झड़पों का मैदान बन गया है. यहां पर फ्लिस्तीन के विद्रोह को दबाने के लिए इजरायली सेना ने मस्जिद परिसर पर धावा बोल दिया था.
अल अक्सा मस्जिद को लेकर मुसलमानों की धारणा
यह मस्जिद न केवल एक पवित्र स्थल है बल्कि ऐतिहासिक महत्व का स्थान है. मुसलमानों का मानना है कि पैगंबर मुहम्मद ने मक्का से अल-अक्सा की यात्रा की और वहां से स्वर्ग का सफर तय किया था. एक पहाड़ी पर बने इस मस्जिद को दीवार के पठार के रूप में भी जाना जाता है. जबकि दूसरी ओर यहूदी भी इसे समान रूप से पवित्र मानते हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि बाइबल के समय में यह बना है. इस जगह पर इजरायल के यहूदी, फिलिस्तीन के मुसलमान और अरब क्षेत्र के बाकी लोग भी दावा करते हैं.
Also Read: Israel-Palestine Conflict : इजराइल के हवाई हमले से गाजा सिटी धुआं-धुआं, हमास के 11 कमांडर ढेरइस वजह से हुई हालिया झड़प
इजरायल की पुलिस ने दश्मिक गेट प्लाजा पर बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने से रोकने के लिए नाकाबंदी कर दी. इसके कारण हजारों फ्लिस्तीनी बिना प्रार्थना किये लौटने के लिए मजबूर हो गये. आरोप है कि उन्हें रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने बल प्रयोग किया, जिसके बाद वे पुलिस से भिड़ गये और जवाबी कार्रवाई हुई. इसके बाद से हमले शुरू हो गये. इजरायल से हमास के कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया.
हमास के नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा
हमास एक आतंकवादी संगठन है. जिसे कई देशों ने प्रतिबंधित किया है. गाजा पर इसका नियंत्रण है. हमास के नेता इस्माइल हनीयेह ने कहा है कि अगर इजरायल नहीं मानता है तो हमास आगे बढ़ने के लिए तैयार है. अगर इजरायल रुकना चाहता है, तो हम भी तैयार हैं.
लॉड में आपातकाल की स्थिति घोषित
मौजूदा हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव से 15 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में एक शहर लॉड में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है. द टाइम्स ऑफ इज़राइल की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1966 के बाद यह पहली बार है कि देश के अरब समुदाय पर आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया गया है.
हमास जानलेवा आतंकी संगठन
मनी कंट्रोल के मुताबिक इजरायली राजनयिक ने कहा कि हमास एक जानलेवा आतंकवादी संगठन है जो हजारों इजरायल और फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत का जिम्मेदार है. हमास चार्टर एक यहूदी विरोधी दस्तावेज है जो पूरी तरह से उनके धर्म के आधार पर यहूदियों की हत्या का समर्थन करता है. इस संगठन को दुनिया के कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है – जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
इजरायल का राजनीतिक संकट
इजरायल की राजनीतिक व्यवस्था खुद ही संकट का सामना कर रही है. कोई भी पार्टी स्थिर सरकार नहीं बना पाई है क्योंकि पिछले दो वर्षों में चार चुनाव अनिर्णायक साबित हुए हैं. इज़राइल में सरकार बनाने का प्रयास करने वाले नेताओं में से कोई भी दूसरे चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. इजरायल की अगली सरकार बनाने पर गठबंधन वार्ता रुक गई है क्योंकि इस्लामवादी राम पार्टी ने इजरायल के भीतर अरब-यहूदी हिंसा के बीच बातचीत जारी रखने से इनकार कर दिया है.
Posted By: Pawan Singh