भारत और इजरायल साथ मिलकर करेगा कोरोना का मुकाबला, पीएम मोदी ने की नेतन्याहू से बातचीत
Israel के PM बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर कोरोना वायरस महामारी से निपटने के विभिन्न कदमों को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने दवाओं की आपूर्ति में सुधार और उच्च तकनीक के अभिनव उपयोग के संबंध में द्विपक्षीय सहयोग पर भी बातचीत की. इस वायरस के संक्रमण से अब तक दुनियाभर में 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
नयी दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर कोरोना वायरस महामारी से निपटने के विभिन्न कदमों को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने दवाओं की आपूर्ति में सुधार और उच्च तकनीक के अभिनव उपयोग के संबंध में द्विपक्षीय सहयोग पर भी बातचीत की. इस वायरस के संक्रमण से अब तक दुनियाभर में 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना वायरस संकट की शुरुआत से ही दोनों नेता एक दूसरे के संपर्क में हैं. भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘दोनों नेताओं ने महामारी से लड़ने में दवाओं की आपूर्ति में सुधार और उच्च प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग समेत भारत और इजरायल के बीच संभावित सहयोग का पता लगाया.
नेतन्याहू मोदी की इस बात से सहमत हुए कि कोरोना वायरस महामारी आधुनिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ है. इजरायली प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फोन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. दोनों नेताओं ने तकनीकी सहयोग के साथ ही कोरोना वायरस प्रसार की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर चर्चा की.’
इससे पहले भी नेतन्याहू ने मोदी से इजरायल को मास्क और चिकित्सीय उपकरणों के निर्यात की अनुमति देने का निवेदन किया था. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत ने इन सामानों के निर्यात पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद 13 मार्च को इजरायल ने यह निवेदन किया था.
इजरायल में अब तक कोरोना वायरस से कम से कम 38 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सात हजार से अधिक लोग संक्रमित हैं. वहीं, भारत में अब तक 64 लोग इस वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं और 2547 संक्रमित हैं.
एंजेला मर्केल से की थी बातचीत– पीएम मोदी इससे पहले, जर्मन के चांसलर एंजेला मर्केल से भी कोरोनावायरस से जंग पर बातचीत की थी. दोनों लीडर्स ने COVID-19 के कारण भारत और जर्मनी में पैदा हुए मौजूदा हालात पर चर्चा की थी और ऐसे वक्त स्वास्थ्य संकट पर अंतरराष्ट्रीय एकजुटता के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने जरूरत के मुताबिक दवाइयों और मेडिकल इक्विपमेंट की कमी पर विचार रखे और इस बात पर सहमति जताई कि जहां संभव होगा वहां मदद पहुंचाई जाएगी.