नयी दिल्ली : भारत और रूस ने कोरोना वायरस संकट के कारण तेजी से उभरती वैश्विक स्थिति पर गुरुवार को चर्चा की और इस महामारी से निपटने में दवा और चिकित्सा उपकरणों की जरूरत की स्थिति में एक दूसरे की मदद करने का फैसला किया. सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस आशय का फैसला विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और रूस के उप विदेश मंत्री इगोर मोर्गुलोव के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान किया गया. दोनों पक्षों ने महामारी से निपटने में अपने-अपने देश की घरेलू रणनीति को भी साझा किया.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया के करीब 190 देशों में 88 हजार लोगों की मौत हुई है और करीब 15 लाख लोग इससे संक्रमित हुए हैं. रूस में कोरोना वायरस से संक्रमण के 10 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण 76 लोगों की मौत हुई है. वहीं, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 5730 मामले सामने आए हैं और 166 लोगों की मौत हुई है.
मोर्गुलोव ने भारत में फंसे रूस के नागरिकों को वापस पहुंचाने की सुविधा प्रदान करने के लिए श्रृंगला को धन्यवाद दिया. समझा जाता है कि श्रृंगला ने रूस में पढ़ने वाले करीब 15 हजार भारतीय छात्रों के कुशलक्षेम की जानकारी ली. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने कोविड-19 के फैलने के कारण उभरती स्थिति पर चर्चा की और अपने-अपने देश में इससे निपटने की घरेलू रणनीति को साझा किया.
सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों ने कोविड-19 की स्थिति और महत्वपूर्ण द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मामलों के संबंध में एक-दूसरे के करीबी संपर्क में बने रहने का निर्णय किया. ब्रिक्स एवं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे महत्वपूर्ण समूहों की वार्षिक बैठक की तैयारियों के संबंध में मोर्गुलोव ने श्रृंगला को बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इनके आयोजन के बारे में तैयारी बैठकें की जा रही हैं.