जिनेवा : भारत ने चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. भारत ने हांगकांग के मुद्दे पर चीन को चेताते हुए कहा है कि उसकी नजर पूरे मामले पर बनी हुई है. वर्तमान में देखा जा रहा है कि एक देश मानवाधिकार का हनन कर रही है., जो कि चिंतनीय है.
संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार परिषद में भारत के प्रतिनिध राजीव चंदर ने चीन के नाम लिए बिना बयान देते हुए कहा कि हम हाल की इन घटनाओं पर चिंता जताने वाले कई बयान सुन चुके हैं. हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन बातों का ध्यान रखेंगे और इसका उचित, गंभीर और निष्पक्ष समाधान करेंगे. चंदर ने आगे कहा कि भारत पूरी घटना पर नजर बनाए हुई है.
पहली बार हांगकांग पर भारत का बयान- यह पहली बार है कि भारत ने चीन अधिशासित हांगकांग पर बयान दिया है. भारत चीन तनाव के बाद ही भारत ने पड़ोसी देश पर कूटनीतिक दबाब बनाना शुरू कर दिया है.
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अमेरिका ने कसा शिकंजा- हांगकांग मुद्दे पर चीन के ऊपर बीते दिनों अमेरिका शिकंजा कस चुका है. अमेरिका ने चीनी अधिकारियों के वीजा पर बैन लगा दिया था. वहीं संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के पूर्व प्रमुख और अन्य आठ पूर्व विशेष दूतों ने संगठन के महासचिव से हांगकांग में एक विशेष दूत नियक्त करने की मांग करते हुए कहा कि बीजिंग द्वारा शहर पर दमनकारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की तैयारी को देखते हुए वे वहां मानवीय त्रासदी पैदा होने की आशंका को लेकर चिंतित हैं .
क्या है मामला- बता देें बीते दिनों कि चीन ने हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित किया है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार और सरकारी चैनल ‘आरटीएचके’ ने अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए बताया है कि मंगलवार को संसद की स्थायी समिति ने सर्वसम्मति से हांगकांग के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी. हालांकि न तो चीन की सरकार ने और न ही हांगकांग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. हांगकांग की मीडिया में आ रही इस तरह की खबरों से पता चल रहा है कि चीन ने उस विवादास्पद कानून को मंजूरी दी है जिससे अधिकारियों को हांगकांग में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की अनुमति मिल जाएगी.
Posted By : Avinish Kumar Mishra