मॉस्को : भारत और चीन के बीच जारी विवाद पर रूस की प्रतिक्रिया आई है. रूस ने कहा है कि सीमा पर जो विवाद हुआ है, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. उम्मीद है कि दोनों देश इस मामले को आपस में सुलझा लेंगे. रूस ने इसके साथ ही कहा कि यह दोनों देश का आपसी मसला है, इसलिए हम इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करेंगे.
रशियन समाचार एजेंसी तास ने राष्ट्रपति पुतिन के मीडिया प्रभारी के हवाले से बताया कि इस मामले में रूस दखल नहीं देगा. हालांकि दोनों मित्र देश के बीच विवाद बढ़ने से रूस जरूर चिंतित है. रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने आगे कहा कि दोनों देश समझदार है.
मध्यस्थता का कोई प्लान नहीं– अमेरिका ने कहा है कि भारत चीन विवाद में अभी मध्यस्था का कोई प्लान नहीं है.अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मध्यस्थता के लिए कोई फॉर्मल प्लान नहीं है.
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही दोनों देशों के विवाद पर बयान दे चुके हैं. ट्रंप ने अपने बयान में कहा है कि वे इस मामले में नजर बनाए हुए है. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का निदान निकल जायेगा और फिर एशिया में शांति स्थापित रहेगी.
20 जवान शहीद– 15-16 जून की दरम्यानी रात लद्दाख के गलवान घाटी पर भारत और चीनी सेना के बच झड़प हुई, इस झड़प में भारत की ओर से 20 जवान शहीद हो गये, जबकि 4 जवान गंभीर रूप से घायल है. वहीं इस झड़प में चीन की ओर से भी तकरीबन 40 जवान हताहत हुए. इस घटना के बाद दोनों देश के बीच तनाव चरम पर है.
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गलवान घाटी क्या है और यहां विवाद– यह भारत-चीन सीमा पर बहने वाली गलवन नदी की घाटी है, जो लद्दाख में बहती है. गलवान घाटी पर ही भारत और चीन के बीच जंग हुआ था. गलवान घाटी लेह से नजदीक है, जो भारत के कब्जे में आती है. गलवान घाटी में पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है. यह विवाद भारत द्वारा बनाए जा रहे एक सड़क को लेकर है.
भारत गलवान घाटी के डुरबुक से लेकर दारूल बेग ओल्ड तक सड़क का निर्माण करा रही है. चीन का कहना है कि यह क्षेत्र उसके हिस्से की है. बता दें कि दारूल बेग ओल्ड भारत के अक्साई चीन के इलाके से लगा है, जिसे चीन ने कब्जा कर लिया है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra