एलएसी पर लगातार गतिरोध उत्पन्न करना चीन को भारी पड़ सकता है. चीन के इस रवैये के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होने लगी है. सीमा पर गतिरोध उत्पन्न करना और हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में आधिपत्य जमाने की चीनी कोशिश के खिलाफ कल अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव पेश किया गया है. सीनेट में ये प्रस्ताव पेश हो गया तो चीन को इससे करारा झटका लगेगा.
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के दो शक्तिशाली सीनेटरों के समूह ने गुरुवार को सीनेट में एक प्रस्ताव रखकर भारत के प्रति चीनी आक्रामकता की आलोचना की है। भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता का लक्ष्य दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति बदलना था।
सीनेट में बहुमत की पार्टी रिपब्लिकन के व्हिप सीनेटर जॉन कोर्निन और खुफिया मामलों पर सीनेट की प्रवर समिति के रैंकिंग सदस्य सीनेटर मार्क वार्नर का यह प्रस्ताव चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की गतिविधियों के बाद आया है. कोर्निन और वार्नर सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं. कोर्निन ने कहा, ‘सीनेट इंडिया कॉकस के सह-संस्थापक के रूप में, मुझे अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों का महत्व स्पष्ट रूप से पता है.’
सीनेटर ने कहा, ‘मैं चीन के खिलाफ खड़े होने और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र बनाए रखने में भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूं. हमेशा के मुकाबले अब यह ज्यादा जरुरी है कि हम अपने भारतीय साझेदारों का साथ दें क्योंकि वे चीनी आक्रामकता के खिलाफ बचाव कर रहे हैं.’
गौरतलब है कि 15 जून की रात को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प की घटना हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे. उस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ था, लेकिन ड्रैगन ने अपने नुकसान को दुनिया के सामने नहीं लाया. चीन इसके बाद से ही भारतीय सीमा पर गतिरोध उत्पन्न कर रहा है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra