एलएसी (LAC) पर भारत और चीन (INDIA CHINA Tension) के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका के एक कदम से ड्रैगन चिढ गया है. दरअसल चीन ने कहा कि अमेरिका का मिसाइल विध्वंसक जॉन एस मैकेन दक्षिण चीन सागर में जब उसके कब्जे वाले द्वीपों के निकट से गुजरा तो उसके पीछे उसने अपने जहाज और विमान भेजे थे.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA,पीएलए) ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी युद्धपोत ने शुक्रवार को पारासेल द्वीपों के निकट उसके जलक्षेत्र में अनाधिकार प्रवेश किया. अमेरिका का यह कदम नौसेना द्वारा चलाए जा रहे नौवहन की स्वतंत्रता मिशन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलक्षेत्र में चीन के व्यापक दावों की अवहेलना करना है.
पीएलए की सदर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग नानदोंग ने कहा कि बीजिंग मांग करता है कि अमेरिका ऐसी गतिविधियों को बंद करे. उन्होंने इसे ‘‘सैन्य उकसावा” बताया जिससे ‘‘चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों का घोर उल्लंघन होता है और जो दक्षिण चीन सागर में शांति एवं स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने झांग के हवाले से कहा कि हम अमेरिकी पक्ष से अनुरोध करते हैं कि वह उकसावे वाली गतिविधियों को तुरंत बंद करे, अपने समुद्री एवं हवाई सैन्य अभियानों को तुरंत नियंत्रित और व्यवस्थित करे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अधिकार जताता है, वहीं ताईवान, फिलिपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी जलक्षेत्र पर दावा करते हैं.
इधर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ‘‘खराब बर्ताव” और क्वाड समूह के देशों के सामने खतरे पैदा करने के लिए चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उसने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं. अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया पर आधारित ‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्री मंगलवार को तोक्यो में मिले थे. कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से व्यक्तिगत उपस्थिति वाली यह उनकी पहली वार्ता थी. यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव की पृष्ठभूमि में हुई. इस बैठक से लौटने के बाद पोम्पियो ने गाइ बेनसन शो पर कहा कि भारतीय देख रहे हैं कि उनकी उत्तरी सीमा पर 60,000 चीनी सैनिक तैनात हैं.
Posted By : Amitabh Kumar