China Standoff : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एकबार फिर से चीनी हस्तक्षेप का विरोध शुरू हो गया है. लोगों ने इसके लिए पीओके में प्रदर्शन शुरू कर दिया है और चीन के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ भी बिगुल फूंक दिया है. बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जलविद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए चीन की एक कंपनी ने पाकिस्तान के साथ 150 करोड़ अमेरिकी डॉलर के समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए.
एक समारोह में आजाद पत्तन जलविद्युत परियोजना के लिए चीन की जेझुबा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे. यह परियोजना पीओके के सुधनोती जिले में झेलम नदी पर है और इसके 2026 में पूरा होने की उम्मीद है. यह परियोजना महत्वाकांक्षी चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा है.
आर्थिक गलियारे में तैनात करेगा ड्रोन– वहीं चीन ने खतरे को देखते हुए बलूचिस्तान प्रांत से होकर गुजरने वाली परियोजन आर्थिक गलियारे में ड्रोन की तैनाती करेगा. इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को ड्रोन स्पलाई की तैयारी में है. चीन जल्द ही पाकिस्तान को 4 ड्रोन स्पलाई करेगा. बताया जा रहा है कि ये ड्रोन दक्षिण पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट पर तैनात किया जाएगा. ग्वादर पोर्ट चीन और पाकिस्तान का एक महत्वाकाक्षी योजना है.
कई योजनाएं प्रभावित- इससे पहले, चीन के विदेश मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मामलों के विभाग के महानिदेशक वांग चियालोंग ने बताया कि चीन के वैश्विक प्रभाव को और विस्तार देने के लिए एशिया, अफ्रीका और यूरोप में कोरोबार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाली बीआरआई की परियोजनाओं का करीब पांचवां हिस्सा महामारी से ‘बुरी तरह प्रभावित’ हुआ हैं.
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ने वाला चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी), बीआरआई की मुख्य परियोजना है. इन परियोजनाओं को फिर से गति देने के प्रयास के तहत चीन ने पिछले हफ्ते बीआरआई की पहली वीडियो कॉन्फ्रेंस की. रिपोर्ट में कहा गया है कि जो परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं उनमें 60 अरब अमेरिकी डॉलर वाली सीपीईसी भी शामिल है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra