20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत की आपत्ति को नजरअंदाज कर नेपाली संसद ने विवादित नक्‍शे को दी मंजूरी, विरोध में एक भी वोट नहीं

भारत की आपत्ति को नजरअंदाज कर नेपाल की संसद के उपरी सदन ने आज उस संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी , जिसमें देश के नये नक्शे को अपडेट करने का प्रावधान है. नेपाली संसद ने यह मंजूरी ऐसे समय पर दी है जब भारत और चीन के बीच सीमा व‍िवाद चरम पर चल रहा है.

भारत की आपत्ति को नजरअंदाज कर नेपाल की संसद के उपरी सदन ने आज उस संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दे दी , जिसमें देश के नये नक्शे को अपडेट करने का प्रावधान है. नेपाली संसद ने यह मंजूरी ऐसे समय पर दी है जब भारत और चीन के बीच सीमा व‍िवाद चरम पर चल रहा है. अब यह व‍िधेयक राष्‍ट्रपति के पास भेजा जाएगा. नेपाल ने पिछले हफ्ते ही संसद के निचले सदन में नक्शे में संशोधन से जुड़ा बिल कराया था. और आज उपरी सदन में भी इसे मंजूरी मिल गयी.

Also Read: भारत से उलझा चीन, अमेरिका ने ड्रैगन के खिलाफ खेला मुस्लिम कार्ड, पाकिस्तान की बढ़ी मुसीबत

नेपाल के नए राजनीतिक नक्‍शे के समर्थन में नेशनल असेंबली में 57 वोट पड़े और विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. इस तरह से यह विधेयक सर्वसम्‍मति से नैशनल असेंबली से पारित हो गया. नेशनल असेंबली में वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया.

नेपाल की नेशनल असेंबली में सत्‍ताधारी नेपाल कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के संसदीय दल के नेता दीनानाथ शर्मा ने कहा कि भारत ने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा पर अवैध रूप से कब्‍जा क‍िया है और उसे नेपाली जमीन को लौटा देना चाहिए. गौरतलब है कि नेपाल ने यह कदम भारत के विरोध के बाद उठाया है. नेपाल ने 18 मई को एक नया नक्सा जारी किया था जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था.


राष्ट्रवाद के नाम पर ‘सस्ती लोकप्रियता’ में उठाया गया कदम

देश के नेतृत्व में मतभेद और राष्ट्रवाद के नाम पर ‘सस्ती लोकप्रियता’ हासिल करने के कदम के विपरीत नतीजे होने की चेतावनी विशेषज्ञों ने दी है. विशेषज्ञों ने कहा है कि सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिए नेपाल और भारत के पास बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.बीते दिनों में सीमा विवाद के चलते नेपाल की सरकार ने भी कई ऐसे बयान दिए, जिनमें खटास थी

चीन की शह पर कूद रहा नेपाल

गौरतलब है कि 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया था. इसको लेकर नेपाल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी. उद्घाटन के बाद ही नेपाल सरकार ने नया राजनीतिक नक्शा जारी करने का फैसला किया था. नेपाल ने भारत के क्षेत्रों को भी अपना बताकर दिखाया है.दरअसल, इस सारे विवाद की जड़ में चीन को माना जा रहा है.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें