Lockdown में योगाभ्यास लाभकारी साबित हो सकता है – हृदय रोग विशेषज्ञ

वाशिंगटन : अमेरिका में एक जाने-माने भारतीय अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के कारण घरों में रह रहे लोगों के लिए योगाभ्यास लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है.

By Mohan Singh | April 3, 2020 6:40 PM

वाशिंगटन : अमेरिका में एक जाने-माने भारतीय अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के कारण घरों में रह रहे लोगों के लिए योगाभ्यास लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है.

टेनेसी के ‘मेम्फिस वेटरन हॉस्पिटल’ में सेवाएं दे रहे हृदय रोग विशेषज्ञ इंद्रनील बसु राय ने हृदय रोगों में ध्यान की भूमिका पर ‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ की ओर से दिशा निर्देश लिखे हैं. राय ने कहा, ‘‘इस देश में अधिकतर लोगों को लगता है कि योग केवल मुद्राओं से संबंधित है जो सही नहीं हैं.

योग का बड़ा हिस्सा ध्यान और श्वास संबंधी तकनीक हैं जिनसे तनाव कम होता है. उन्होंने कहा कि लोग कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं. ऐेसी स्थिति ने लोगों में घबराहट और अवसाद पैदा कर दिया है.

राय ने कहा, ‘‘घबराहट और अवसाद दोनों का शारीरिक रूप से बुरा असर पड़ता है और इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कम हो सकती है कि वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘मानवीय प्रतिरक्षा को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है.

पहला ‘इनेट इम्युनिटी’ यानी सहज प्रतिरक्षा और दूसरा, ‘अडॉप्टिव इम्युनिटी’ यानी अनुकूली प्रतिरक्षा. सहज प्रतिरक्षा क्षमता उन वायरल एवं बैक्टीरिया संबंधी संक्रमणों से मानव शरीर की रक्षा करती है जिनका सामना हम आमतौर पर करते हैं.

अुनकूली प्रतिरक्षा प्रणाली उस समय काम करती है जब किसी रोगाणु के खिलाफ हमारा शरीर एंटीबॉडी पैदा करता है. उन्होंने कहा कि यह तभी होता है जब मानव शरीर किसी एंटीजन के संपर्क में आता है. इसका उदाहरण है कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद शरीर प्रत्यक्ष एंटीबॉडी पैदा करेगा जो सीधे इस कोरोना वायरस को निशाना बनाएगा

राय ने कहा, ‘‘इसी लिए इस वायरस से किसी व्यक्ति का फिर से संक्रमित होना दुर्लभ है. हालांकि चीन में दोबारा संक्रमण के मामले सामने आए हैं लेकिन इसका कारण पुन: संक्रमण के बजाए दोषपूर्ण किट हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि योग और ध्यान का अभ्यास प्रतिरक्षा क्षमता को मजबूत करता है.

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