अब इस कंपनी ने किया ऐलान- अमेरिका को देंगे 34 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट की दवा
भारतीय-अमेरिकी शख्स की मालिकाना हक वाली एक दवा कंपनी ने कोविड-19 से प्रभावित न्यूयॉर्क और लुइसियाना समेत कुछ अहम राज्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट की 34 लाख गोलियां दान करने का संकल्प लिया है.
वाशिंगटन : भारतीय-अमेरिकी शख्स की मालिकाना हक वाली एक दवा कंपनी ने कोविड-19 से प्रभावित न्यूयॉर्क और लुइसियाना समेत कुछ अहम राज्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट की 34 लाख गोलियां दान करने का संकल्प लिया है.
परोपकारी अरबपति चिराग और चिंटू पटेल की न्यूजर्सी स्थित एमनील फार्मास्युटिकल्स कंपनी ने अपनी कई उत्पादन ईकाइयों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट का उत्पादन बढ़ाने की भी घोषण की है और अप्रैल के मध्य तक तकरीबन दो करोड़ गोलियां बनाने की उम्मीद है.
यह कंपनी अमेरिका की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनियों में से एक है. कंपनी ने बताया कि ये दवाइयां एमनील के मौजूदा खुदरा और थोक ग्राहकों के जरिए देशभर में उपलब्ध होगी.
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उसने बताया कि एमनील ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में न्यूयॉर्क को 200 मिलीग्राम हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सल्फेट की 20 लाख गोलियां और टेक्सास को 10 लाख गोलियां दान दी है. वह जरूरत पड़ने पर और गोलियां मुहैया कराने के भी तैयार है. वह देशभर के अस्पतालों को सीधे सामान उपलब्ध करा रही है.
एमनील ने लुइसियाना को हाइड्रोक्सीक्लोराक्विन सल्फेट की 4,00,000 गोलियां भी दान देने का एलान किया है. एमनील के सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिराग और चिंटू पटेल ने कहा, ‘‘एमनील में हम सब कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपने समुदायों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
हाइड्रोक्सीक्लोराक्विन सल्फेट सबसे पहले 1946 में बनी थी और इसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है. इस दवा को एफडीए ने कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूरी नहीं दी है लेकिन इसे इसके संभावित इलाज के तौर पर पहचाना गया है और अमेरिकी सरकार ने तत्काल इसे उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
29 मिलियन दवा खरीदेगा अमेरिका– इससे पहले, व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका 29 मिलयन दवा का डोज खरीदेगा, जिसमें भारत सबसे अधिक निर्यात करेगा. माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच दवा खरीद और बिक्री का काम एक दो दिन के अंदर ही किया जायेगा.