तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले सैनिकेश रविचंद्रन (21) ने यूक्रेनी आर्मी ज्वाइन कर ली है. एक खुफिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी पहले सैनिकेश ने भारतीय सेना में शामिल होने की दो बार कोशिश की थी, लेकिन उन्हें लंबाई के कारण रिजेक्ट कर दिया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, सैनिकेश 2018 में पढ़ाई के सिलसिले में यूक्रेन गये थे. वह खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी, यूक्रेन में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हैं.
इसी साल जुलाई में उसकी पढ़ाई पूरी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और उसने वहां की सेना ज्वाइन कर ली. मामले की जांच कर रहे एक इंस्पेक्टर ने कहा कि कुछ दिनों पहले केंद्रीय खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने यूक्रेन की सेना में शामिल होने के उसके मकसद को समझने के लिए उसके माता-पिता से पूछताछ की थी.
उन्होंने यह भी कहा कि हम और ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और हम खुफिया ब्यूरो को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़के के परिवार को मीडिया रिपोर्ट के हवाले से इस बात से अवगत कराया गया था कि उनका बेटा यूक्रेन की ओर से लड़ने के लिए अर्धसैनिक इकाई में शामिल हो गया था और इसकी पुष्टि उन खुफिया अधिकारियों ने की थी, जो उनसे मिलने गये थे.
परिवार ने खुफिया अधिकारियों को बताया कि सैनिकेश में हमेशा सेना के प्रति लगाव था. परिवार ने यह भी बताया कि सेना के लगाव के ही चलते उन्होंने दो बार भारतीय सेना में भी ट्राई किया, लेकिन लंबाई के कारण दो बार खारिज कर दिया गये. उनके कमरे की दीवारों पर सैनिकों के फोटो चिपके रहते थे. इतना ही नहीं लड़के ने एक बार अमेरिकी सेना में भी शामिल होने के लिए चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से भी पूछताछ की थी लेकिन यह भी संभव नहीं हो पाया था.
बेटे के फैसले से परिवार नाखुश: फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग की शुरुआत की, तो सैनिकेश ने यूक्रेन की तरफ से लड़ने का फैसला किया. हालांकि, उनका परिवार उनके इस फैसले के खिलाफ है. सैनिकेश की मां ने बताया कि यह कष्टदायी है. वह अपने बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रही हैं. लेकिन, युद्ध छिड़ने के बाद से वह परिवार के संपर्क में नहीं है. सैनिकेश के परिवार ने केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों से मिलने का फैसला किया है ताकि वे अपने बेटे को वापस बुला सकें.