अमेरिका: सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानी समर्थकों ने लगाई आग, 5 महीने में दूसरी घटना
खालिस्तान कट्टरपंथियों के एक समूह ने 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को आग लगा दी . पांच महीने में यह इस तरह का दूसरा हमला है. सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग द्वारा आग पर तुरंत काबू पा लिया गया.
खालिस्तान कट्टरपंथियों के एक समूह ने 2 जुलाई को संयुक्त राज्य अमेरिका को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को आग लगा दी. सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग द्वारा आग पर तुरंत काबू पा लिया गया. कोई बड़ी क्षति या कर्मचारियों को नुकसान नहीं पहुँचाया गया. स्थानीय, राज्य और संघीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने हिंसा की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है
United States | A group of Khalistan radicals on July 2 set Indian Consulate on fire in San Francisco. The fire was suppressed quickly by the San Francisco Fire Department. No major damages or staffers were harmed. Local, state and federal authorities have been notified. The US… pic.twitter.com/uhx9NtML5G
— ANI (@ANI) July 4, 2023
पांच महीने में यह इस तरह का दूसरा हमला
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, खालिस्तान कट्टरपंथियों के एक समूह ने 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को आग लगा दी . पांच महीने में यह इस तरह का दूसरा हमला है. सैन फ्रांसिस्को अग्निशमन विभाग द्वारा आग पर तुरंत काबू पा लिया गया. कोई भी घायल नहीं हुआ और किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है. स घटना की अमेरिकी विदेश विभाग ने हिंसा के कृत्य की “कड़ी निंदा” की है.
खालिस्तानियों ने लगाए पोस्टर
कथित तौर पर सिख चरमपंथियों द्वारा प्रसारित एक पोस्टर में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत डॉ. टीवी नागेंद्र प्रसाद को निशाना बनाया गया है, जिन्होंने उन पर जून में खालिस्तान की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया है. टाइगर फोर्स प्रमुख और नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर
19 मार्च को भारतीय उच्चायोग पर हुआ हमला
आपको बता दें कि इसी साल 19 मार्च को भारतीय उच्चायोग पर हुई हिंसा के दौरान उपद्रवी भीड़ ने भारत का झंडा भी उतार लिया था जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हुई थी. भारत के झंडा की जगह यहां खालिस्तानी झंडा फहराने की कोशिश की थी. हालांकि उच्चायोग के अधिकारियों के विरोध की वजह से वे अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाये थे.