चीन के बंदरगाहों पर महीनों से नजरबंद हैं भारतीय नाविक, विदेश मंत्रालय ने कहा- हम चीन के संपर्क में हैं
चीन के बंदरगाहों पर महीनों से भारतीय नाविक नजरबंद हुए पड़े हैं. भारतीय दूतावास ने चीन के बंदरगाहों पर महीनों से फंसे देश के नाविकों की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा है कि वह चीन की सरकार के साथ संपर्क में है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, चीनी अधिकारियों की ओर ये बताया गया है कि कोरोना वायरस की पाबंदियों की वजह से फिलहाल नाविक दल में बदलाव की इजाजत नहीं दी सकती. इस बारे में जहाज की संचालक कंपनियों और कार्गो मंगवाने वाले रिसीवर पक्ष को भी बता दिया गया है. इस मामले के समाधान और मानवीय आधार पर नाविकों को परेशानियों के निदान के लिए हमारा चीन स्थित दूतावास चीनी प्रशासन के संपर्क में है.
नयी दिल्ली : चीन के बंदरगाहों पर महीनों से भारतीय नाविक नजरबंद हुए पड़े हैं. भारतीय दूतावास ने चीन के बंदरगाहों पर महीनों से फंसे देश के नाविकों की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा है कि वह चीन की सरकार के साथ संपर्क में है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, चीनी अधिकारियों की ओर ये बताया गया है कि कोरोना वायरस की पाबंदियों की वजह से फिलहाल नाविक दल में बदलाव की इजाजत नहीं दी सकती. इस बारे में जहाज की संचालक कंपनियों और कार्गो मंगवाने वाले रिसीवर पक्ष को भी बता दिया गया है. इस मामले के समाधान और मानवीय आधार पर नाविकों को परेशानियों के निदान के लिए हमारा चीन स्थित दूतावास चीनी प्रशासन के संपर्क में है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, कोरोना वायरस को लेकर चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों में लगी विवादों की आग अब कोयला युद्ध में बदल चुकी है. वहीं, इस लड़ाई ने 40 से अधिक भारतीय जिंदगियों को सांसत में डाल दिया है, जो बीते कई महीनों से चीन तट के करीब समंदर में नजरबंदी की हालत में हैं. ऑस्ट्रेलिया से कोयला लेकर पहुंचे भारतीय नाविक दल वाले दो जहाजों को चीन सरकार न तो माल उतारने दे रही है और न वापस लौटने दे रही है. वहीं, भारत-चीन सीमा तनाव के उलझे तानेबाने ने भी समाधान की कोशिशों को पेचीदा कर रखा है.
उत्तरी चीन के कोफीडियन तट के पास अगस्त 2020 से अटके जहाज अनास्तासिया के सेकंड ऑफिसर गौरव सिंह बताते हैं कि विभिन्न सरकारों के बीच उलझे इस मसले में अभी यह अनुमान लगाना भी मुश्किल है कि देश वापसी का रास्ता कब और कैसे निकलेगा. अनास्तासिया पर नाविक दल के 18 सदस्य हैं, जो सभी अपने परिवार के पास लौटना चाहते हैं. लेकिन, चीन सरकार की पाबंदियों के चलते न तो जहाज कंपनी अपने नाविक दल को बदल पा रही है और न ही उन्हें तट पर जाने की इजाजत दी जा रही है. इतना ही नहीं, सख्त हिदायत है कि अगर जहाज को हटाकर किसी और जगह ले जाने की कोशिश की गई, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
अनास्तासिया पर मौजूद गौरव ने समाचार चैनल एबीपी से बातचीत करते हुए बताया कि उनका जहाज 16 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के हे-पॉइंट से करीब 90 हजार टन कोयला लेकर रवाना हुआ था. जहाज अगस्त के पहले सप्ताह में उत्तरी चीन के कोफीडियन बंदरगाह पहुंचा, तो बताया गया कि उसे ऑस्ट्रेलिया से लाए गए कोयले को उतारने की इजाजत नहीं है. साथ ही, पोत को एंकरेज एरिया में खड़े रहने के लिए कह दिया गया, जहां बीते चार महीनों से एक नजरबंदी की स्थिति में जहाज खड़ा है. हालत यह है कि मेडिकल जरूरतों के लिए भी तट पर जाने की इजाजत नहीं है.
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Posted By : Vishwat Sen