मंगल ग्रह की सतह पर उड़ रहा छोटा हेलीकॉप्टर, नासा के रोवर ने भेजा Video, आप भी देखें
अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से जारी करीब तीन मिनट का यह वीडियो जेजेरो क्रेटर के पास हवा के कम दबाव के साथ शुरू होता है, जहां पर उसका रोवर पुराने माइक्रॉब्स की तलाश में इसी साल के फरवरी महीने में उतरा था. इस वीडियो में कोई छोटी वस्तु उड़ान भरते हुए दिखाई देती है और इसके ब्लेडों की मद्धम आवाज भी सुनाई देती है.
वाशिंगटन : मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को एक बहुत बड़ी सफलता मिली है. उसके पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल ग्रह की सतह पर पहली बार कम ऊंचाई हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने वाला एक वीडियो भेजा है. अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को अपने रोटरक्रॉफ्ट के छह पहियों वाले रोबोट द्वारा पिछले 30 अप्रैल लिए गए एक वीडियो फुटेज को जारी किया है, जिसमें हेलीकॉप्टर की आवाज के साथ उसे उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है. यह चौथी दफा है, जब अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से इस प्रकार का दावा किया जा रहा है.
अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से जारी करीब तीन मिनट का यह वीडियो जेजेरो क्रेटर के पास हवा के कम दबाव के साथ शुरू होता है, जहां पर उसका रोवर पुराने माइक्रॉब्स की तलाश में इसी साल के फरवरी महीने में उतरा था. इस वीडियो में कोई छोटी वस्तु उड़ान भरते हुए दिखाई देती है और इसके ब्लेडों की मद्धम आवाज भी सुनाई देती है. यह करीब 872 फुट (करीब 262 मीटर) की ऊंचाई पर 2400 आरपीएम की रफ्तार से उड़ान भरता है और मंगल के वातावरण में एक चक्कर लगाकर दोबारा अपने स्थान पर वापस आ जाता है.
🔊🔴 New sounds from Mars: Our @NASAPersevere rover caught the beats coming from our Ingenuity #MarsHelicopter! This marks the first time a spacecraft on another planet has recorded the sounds of a separate spacecraft.
🎧🚁 Turn the volume up: https://t.co/o7zG6mQJzx pic.twitter.com/s8Hm3dhcgg
— NASA (@NASA) May 7, 2021
हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी के इस मिशन से जुड़े इंजीनियरों को इस बात का पक्का भरोसा नहीं है कि वीडियो में कैद की गई आवाज किसी उड़ान की नहीं हो सकती है, क्योंकि जिस वक्त यह वीडियो रिकॉर्ड हुआ है, उस समय पर्सिवियरेंस रोवर उड़ान भरने और लैंडिंग होने वाले स्थान से करीब 262 फुट या फिर 80 मीटर की दूरी पर खड़ा था.
बता दें कि मंगल ग्रह का वातावरण हमारी पृथ्वी के घनत्व का करीब एक प्रतिशत है, जिससे पृथ्वी पर सब कुछ बहुत अधिक शांत हो जाता है. फ्रांस के टुलूज में सुपरकैम मार्स माइक्रोफोन का नेतृत्व करने वाले इंस्टीट्यूट सुपीरियर डी एयरोनॉटिक एट डी स्पेश इंस्टीट्यूट (आईएसएई-सुपेरियो) में ग्रह विज्ञान के प्रोफेस डेविड मिमौन ने कहा कि यह एक बहुत बड़े आश्चर्य की बात है.
उन्होंने कहा कि हमने भी परीक्षण किया था और यह लगा कि यह कैसे संभव हो सकता है. माइक्रोफोन मुश्किल से हेलीकॉप्टर की आवाज कैप्चर कर सकेगा, क्योंकि पृथ्वी की तुलना में धनत्व अधिक होने की वजह से मंगल ग्रह का वातावरण बहुत ही तेजी से किसी ध्वनि को नुकसान पहुंचाता है.
उन्होंने कहा कि यह किसी माइक्रोफोन से रिकॉर्ड की हुई आवाज है, जो वस्तु के फिजिकल प्रॉपर्टी के साथ अतिरिक्त जोड़ा गया है. इसे ऐसे कैसे सुना जा सकता है. मिमौन ने नई रिकॉर्डिंग छोटी वस्तु के उड़ान की है, तब तो मंगल ग्रह के वातावरण को समझने के लिए यह हमारे सोने पर सुहागा है.
Posted by : Vishwat Sen