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कोरोना वायरस महामारी स्वाभाविक रूप से नहीं जन्मा
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चीन के वुहान लैब में वैज्ञानिकों ने इसे बनाया
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चीन ने दस्तावेजों को भी छिपाने की कोशिश की
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया तबाह है. अबतक दुनिया भर में लाखों लोगों की यान वायरस जान ले चुका है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये वायरस प्रकृतिक रूप से पनपा है. या इसे चीन के बुहान लैब में विकसित किया गया है. इस बीच कई देशों ने चीन पर सबूत छिपाने का भी आरोप लगाया है. उसकी कहना है कि चीन महत्वपूर्ण दस्तावेज छिपा रहा है ताकी दुनिया को लगे की यह वायरस मूल रुप से चमगादड़ों से पैदा हुआ है.
वहीं, इस मामले में ब्रिटेन की इंटेलीजेंस एजेंसियों की जांच इस शक को और गहरा दिया है कि कोरोना का जन्म बुहान की लैब से हुआ है. इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ब्रिटिश जासूसों का मानना है कि वुहान लैब से कोरोना वायरस के लीक होने की थ्योरी संभव है. गौरतलब है कि, ब्रिटेन ने आधिकारिक तौर पर एक स्वतंत्र जांच की मांग की है, जिसमें यह जांच की जाएगी की कोरोना कैसे पैदा हुआ. और किस तरह यह एक महामारी में तब्दील हो गया.
ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि, कई शोधकर्ताओं ने अपने सोध के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले हैं. इस शोध में वुहान लैब में साल 2002 से लेकर 2019 के बीच हुए कई प्रयोगों के फॉरेंसिक विश्लेषण के आधार पर डेटा निकाला गया है. शोध में यह कहा गया है कि कोरोना किसी भी तरह से सार्स की वंशज नहीं है. इसे कुछ गड़बड़ी करके बनाया गया है.
गौरतलब है कि चीन लगातार वुहान लैब लीक थ्योरी के विरोध में खड़ा है. हाल तक कई विशेषज्ञ भी इस थ्योरी को खारिज करते रहे हैं. लेकिन चीन इसके पक्ष में कोई सबूत नहीं दे पाया कि कोरोना वायरस कुदरती तरीके से आया है. ऐसे में अब अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना महामारी की उत्पत्ति कैसे हुई यह पता लगाने की जरूरत है. ऐसे में अब दुनिया चीन से मांग कर रही है कि वो वुहान लैब की जांच की अनुमति दे.
Posted by: Pritish Sahay