इस्लामाबाद: भारतीय नौसेना के अधिकारी रहे कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के लए 14 अप्रैल तक वकील की नियुक्ति करने के लिए पाकिस्तान की एक अदालत (Court of Pakistan) ने भारत सरकार से कहा है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) के रिटायर्ड अफसर कुलभूषण जाधव (51) को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत (Pakistan Military Court) ने मौत की सजा सुनायी थी.
कुलभूषण जाधव तक पाकिस्तान राजनयिक पहुंच उपलब्ध नहीं करा रहा था. इसके खिलाफ भारत सरकार ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था. साथ ही कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा को चुनौती भी दी थी. हेग स्थित ICJ ने जुलाई, 2019 में पाकिस्तान से कहा था कि वह जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराये. साथ ही उनकी सजा की समीक्षा भी सुनिश्चित करे.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 2020 में चीफ जस्टिस अतहर मिनल्लाह, जस्टिस अमीर फारूक और जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब की तीन सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया था. इस पीठ ने बार-बार भारत से जाधव के लिए पाकिस्तान से कोई वकील नियुक्त करने को कहा, लेकिन नयी दिल्ली ने कहा कि वह कुलभूषण जाधव के लिए भारतीय वकील नियुक्त करना चाहती है, जिसकी मंजूरी दी जानी चाहिए.
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पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को भारत से कुलभूषण जाधव के लिए 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने को कहा. खालिद जावेद खान ने कोर्ट से कहा कि भारत जान-बूझकर मामले में देरी कर रहा है, ताकि उसे ICJ के दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिल सके और शिकायत की जा सके कि पाकिस्तान जाधव को समीक्षा का अवसर देने के अपने फैसले का उल्लंघन कर रहा है.
नवंबर 2021 में पाकिस्तान की संसद ने कुलभूषण जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा अपील दायर करने का अधिकार देने के लिए एक कानून पारित किया था. पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) अधिनियम 2021 के तहत कुलभूषण जाधव को समीक्षा प्रक्रिया के जरिये हाईकोर्ट में अपनी सजा को चुनौती देने की अनुमति मिली, जो ICJ के फैसले की जरूरत थी.
भारत ने कहा है कि कानून पिछले अध्यादेश की ‘खामियों’ को ‘केवल संहिताबद्ध’ करता है और इस्लामाबाद मामले में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए माहौल बनाने में ‘असफल’ रहा है. पाकिस्तान की सरकार ने जब कुलभूषण जाधव को समीक्षा दायर करने देने के लिए अध्यादेश जारी किया, तो उन्होंने इंकार कर दिया.
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बाद में, पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा सचिव के माध्यम से जाधव के लिए बचाव पक्ष के वकील की नियुक्ति के वास्ते वर्ष 2020 में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक मामला दायर किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने नवंबर में कहा था कि पाकिस्तान आईसीजे के आदेश के विपरीत जाधव को निर्बाध राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने से इंकार करता रहा है. भारत ने बार-बार पाकिस्तान से आईसीजे के फैसले का अक्षरश: पालन करने का आह्वान किया है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
Posted By: Mithilesh Jha