इजराइल ने कथित तौर पर विषम युद्ध पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक उच्च तकनीक अर्ध-स्वायत्त मानव रहित जमीनी वाहन (यूजीवी) तैनात किया है. इसका उपयोग गाजा सीमा पर 24 घंटे गश्त करने में किया जायेगा.
द यूरेशियन टाइम्स के रक्षा लेखक यूनिस डार के मुताबिक, इजराइल ने हमास के खिलाफ दुनिया का पहला ”आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वॉर” का दावा करते हुए कहा कि सैन्य खुफिया के लिए उपलब्ध एआई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल सिग्नल इंटेलिजेंस, विजुअल इंटेलिजेंस, ह्यूमन इंटेलिजेंस, जियोग्राफिकल इंटेलिजेंस का उपयोग करके डेटा एकत्र करने में किया गया था, जिससे सेना को प्रभावी हमले करने के लिए मार्गदर्शन किया जा सके.
‘जगुआर’ रोबोटिक वाहन के विकसित किये जाने के साथ आईडीएफ निश्चित रूप से ‘इजरायल की रक्षा का भविष्य’ कहे जानेवाले कदम के करीब पहुंच गया है. इससे स्पष्ट हो गया है कि भविष्य के युद्ध मानव रहित उपकरणों ‘ड्रोन और रोबोट’ के जरिये लड़े जायेंगे.
सेमी-ऑटोनॉमस रोबोट ‘जगुआर’ सिस्टम दूर से ही दुश्मन के ठिकानों का पता लगाने और नष्ट करने में सक्षम है. आईडीएफ की वेबसाइट के मुताबिक, यह एंटी टैंक 7.62 मिमी एमएजी मशीन गन, उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे, अत्याधुनिक संचार ट्रांसमीटर, शक्तिशाली हेडलाइट्स और परिचालन उद्देश्यों के लिए रिमोट-नियंत्रित पीए सिस्टम से लैस होगा.
आईडीएफ के मुताबिक, ”लड़ाकू यूजीवी स्वायत्त रूप से चलता है और बाधाओं का पता लगाता है. टकराव से बचाता है. साथ ही अपने लिए मार्ग की गणना कर संवेदनशील सेंसर द्वारा अपने परिवेश का पता लगाता है.”
एक इलेक्ट्रिक इंजन के साथ जगुआर एक सेल्फ-एल्गोरिदम पर चलता है. वह जानता है कि चार्जिंग के लिए खुद को कब डॉक करना है. किसी भी बिजली के उपकरण का एक महत्वपूर्ण तत्व बैटरी है. इस मामले में एक सैन्य रोबोट आईडीएफ ने कॉम्बैट 6T ली-आयन बैटरी के निर्माता एप्सिलर के साथ भागीदारी की है.
आईडीएफ के लैंड टेक्नोलॉजी डिवीजन में ऑटोनॉमी और रोबोटिक्स प्रमुख लेफ्टिनेंट कर्नल नाथन कुपरस्टीन के मुताबिक, ”एक स्वतंत्र रोबोट, जो दुश्मन के साथ लड़ाकू सैनिक घर्षण को कम कर मानव जीवन के लिए जोखिम को रोकता है. यह खुद को चार्ज करना भी जानता है.”