US Support For Gaza Reconstruction यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन के सत्ता में आने के साथ ही अमेरिका और इजराइल के बीच दोस्ती को लेकर सवाल उठने लगे है. दरअसल, इजरायल और हमास के बीच चले हिंसक संघर्ष के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मंगलवार को इजरायल पहुंचे हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजराइल-हमास के बीच संघर्ष के बाद बुरी तरह से तबाह हुए गाजा की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया.
बता दें कि 11 दिन तक चले इजराइल-गाजा संघर्ष में 250 से अधिक लोग (अधिकतर फलस्तीनी) मारे गये हैं. इस दौरान तटीय क्षेत्र में भारी तबाही हुई है. यहां पहले से ही हालात दयनीय है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका तटीय क्षेत्र में पैदा हुए गंभीर मानवीय संकट के समाधान के लिए काम करेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि अमेरिका गाजा के हमास शासकों को इस पुनर्निर्माण सहायता से कोई फायदा नहीं उठाने देगा.
अमेरिकी विदेश मंत्री मंगलवार की सुबह इजराइल में बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे. वह क्षेत्र का दौरा करने वाले राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. हवाई अड्डे पर इजराइल के विदेश मंत्री गाबी अशकेनाजी एवं अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हम जानते हैं कि हिंसा फिर होने से रोकने के लिए हमें अंतर्निहित मुद्दों और चुनौतियों से निपटना होगा और यह गाजा में गंभीर मानवीय स्थिति से निपटने और पुनर्निर्माण शुरू करने के साथ शुरू होता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए काम करेगा. साथ ही अपना महत्वपूर्ण योगदान भी देगा. ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि पुनर्निर्माण सहायता से हमास को कोई फायदा नहीं हो.
हमास को इजराइल और पश्चिमी देश आतंकवादी संगठन मानते हैं. संघर्ष विराम शुक्रवार से प्रभाव में आया है. हालांकि, अब तक मौजूदा मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकल पाया है. इजराइल में पीएम नेतन्याहू दो साल में चार बार अनिर्णायक चुनाव के बाद अपने राजनीतिक जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, इजराइल में कुछ लोगों ने नेतन्याहू के इस कदम के लिए उनकी आलोचना की है और कहा है कि नेतन्याहू ने फलस्तीन के रॉकेटों को रोके बिना या गाजा के शासकों हमास को जवाब दिये बिना ही बड़े अविवेकपूर्ण तरीके से संघर्ष को खत्म कर दिया.
युद्ध की शुरुआत उस वक्त हुई जब कुछ सप्ताह पहले यरुशलम में इजराइली पुलिस और फलस्तीन के प्रदर्शनकारियों के बीच अल-अक्सा मस्जिद परिसर के आस-पास झड़प हुई थी. हालांकि, नेतन्याहू द्वारा अल-अक्सा या शरणार्थियों के निकाले जाने पर सार्वजनिक रूप से कोई रियायत देने की संभावना नहीं है. क्योंकि, इससे ऐसा प्रतीत होगा कि वे हमास की मांग को मानने के लिए तैयार हैं. ब्लिंकन पड़ोसी देश मिस्र और जॉर्डन का भी दौरा करेंगे, जिन्होंने संघर्ष में मध्यस्थों के रूप में काम किया है. ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल-फलस्तीनी वार्ता को तत्काल फिर से शुरू करने का यह सही समय नहीं है, लेकिन इजराइल के हवाई हमलों से हुए नुकसान के बाद पुनर्निर्माण संबंधी कदम उठाए जा सकते हैं.