इजरायल और हमास के बीच जारी जंग का आज 28वां दिन है. बीते 28 दिनों से इजराइल गाजा पट्टी पर आतंकियों को मार रहा है. हमास की ओर से भी जवाबी कार्रवाई में रॉकेट दागे जा रहे हैं. इस बीच जो खबर आ रही है वह काफी दर्दनाक है. दरअसल, इजराइल और हमास के बीच युद्ध के पहले 25 दिनों में 3,600 से अधिक फिलिस्तीनी बच्चे जान गंवा चुके हैं. गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इस बाबत जानकारी दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बच्चे हवाई हमलों से प्रभावित हुए, रॉकेटों का निशाना बने, विस्फोटों से जल गए और इमारतों के मलबों में दब गए. इनमें नवजात शिशु और छोटे बच्चे, विद्यार्थी, महत्वाकांक्षी पत्रकार और वो बच्चे भी शामिल थे जिन्होंने सोचा कि वे गिरिजाघर में ठिकाना लेने से वे सुरक्षित बच जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भीड़-भाड़ वाली गाजा पट्टी के 23 लाख निवासियों में से लगभग आधे 18 वर्ष से कम उम्र के हैं, और युद्ध में अब तक मारे गए लोगों में से 40 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं. इस बीच मध्य गाजा शहर दीर अल-बलाह के अल अक्सा मार्टर अस्पताल में अपनी चार वर्षीय बेटी केन्जी को सांत्वना देते हुए लेखक एडम अल-मधौन ने कहा कि जब घर नष्ट हो जाते हैं, तो वे बच्चों के सिर पर गिरते हैं. वह एक हवाई हमले में बच गईं. हालांकि हमले में उसका दाहिना हाथ कट गया, बायां पैर कुचला गया और खोपड़ी टूट गई.
इस बीच इजराइल का बयान सामने आया है. उसका कहना है कि उसके द्वारा किये गये हवाई हमलों में हमास के आतंकवादी ठिकानों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया है. आतंकी समूह नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है. वैश्विक धर्मार्थ संस्था ‘सेव द चिल्ड्रेन’ की मानें तो, पिछले तीन वर्षों में दुनिया के सभी संघर्षों की तुलना में गाजा में सिर्फ तीन हफ्तों में सबसे अधिक बच्चे मारे गए हैं.
हाल के हवाई हमलों के दृश्यों में खून से सनी सफेद स्कर्ट पहने एक दिव्यांग बच्चे को गोद में लिए हुए एक बचावकर्ता, अपने बच्चे की लाश को छाती से कसकर चिपकाकर दहाड़े मार कर रोता पिता और खंडहरों में अकेले भटकता खून व धूल से लथपथ एक हैरान परेशान युवा लड़के की तस्वीरें देख दुनिया भर के लोगों ने कड़ी निंदा की.
यहां के लोगों का कहना है कि गाजा में माता-पिता होना एक अभिशाप से कम नहीं है.
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