22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Israel में सरकार के खिलाफ एकजुट हुए हजारों लोग, जानिए किस वजह से हो रहा विरोध

इस्राइल में सोमवार को भी हजारों की संख्या में लोगों ने देश की न्यायिक प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

Israel: इस्राइल में सोमवार को भी हजारों की संख्या में लोगों ने देश की न्यायिक प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, सरकार के विरोध में जमा हुए लोगों की संख्या तकरीबन 70 हजार थी.

न्यायिक प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों का विरोध

संसद के बाहर एकत्रित हुए लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा इस्राइल की न्यायिक प्रणाली में प्रस्तावित बदलावों का जमकर विरोध किया. पिछले महीने योजनाओं के अनावरण के बाद से इस्राइल ने वर्षों में अपने कुछ सबसे बड़े प्रदर्शनों को देखा है. बताया जाता है कि इसके पारित हो जाने पर वे सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति पर अंकुश लगा देंगे और सरकार को न्यायिक नियुक्तियों पर अधिक अधिकार देंगे.

जानिए क्यों हो रहा विरोध

आलोचकों का कहना है कि यह लोकतंत्र को कमजोर करेगा. वहीं, सरकार का तर्क है कि सुधार से इसे मजबूत मिलेगी. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी बेटी के साथ आई तेल अवीव के दक्षिण में स्थित नेस तजियोना की हेलिट ने कहा, मैं बहुत व्यथित महसूस कर रही हूं, बहुत घबराई हुई हूं, मेरी रातों की नींद हराम है. मुझे लगता है कि वे बदलेंगे. लेकिन, यह केवल थोड़ी देर के लिए होगा. जिससे चीजें फिर से बदतर हो जाएंगी.

कानूनी व्यवस्था की शक्ति खतरे में?

वहीं, तेल अवीव के एक वकील उन हजारों में से एक थे, जिनके ऑफिस कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए बंद कर दिए गए थे. उन्होंने कहा, मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि नई सरकार इस्राइली लोकतंत्र के साथ जो कर रही है, उसे देखकर मेरा दिल फट गया है. आप जानते हैं कि वे इस देश की भावना को तोड़ रहे हैं और कानूनी व्यवस्था की शक्ति को खतरे में डाल रहे हैं. मैं इसके खिलाफ विरोध किए बिना इसे होते हुए नहीं देख सकता.

प्रधानमंत्री ने कही ये बात

विरोधियों का कहना है कि योजनाएं न्यायपालिका का राजनीतिकरण करेंगी और एक सत्तावादी सरकार का नेतृत्व कर सकती हैं. वहीं, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि वर्तमान प्रणाली जहां एक निर्वाचित संसद द्वारा पारित कानूनों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पलटा जा सकता है, अलोकतांत्रिक है. कहा गया कि सुधार सरकार को उस समिति पर अधिक प्रभाव भी देंगे, जो सर्वोच्च न्यायालय सहित न्यायाधीशों की नियुक्ति करती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें