Italy-China News: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार चीन यात्रा पर गईं हैं. चीनी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि मेलोनी 27 से 31 जुलाई के बीच चीनी दौरे पर होंगी. चीनी एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि मेलोनी इस दौरे पर फिर से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर बात करेंगी और इटली व चीन के बीच की मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करेंगी. चीनी विदेश मंत्रालय का यह भी कहना है कि चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) प्रोजेक्ट से अलग होने पर इटली को अफसोस हो रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा है कि मेलोनी चीनी दौरे पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगी. मेलोनी प्रधानमंत्री ली कियांग और नेता झाओ लेजी से मिलकर द्विपक्षीय मुद्दों पर बात करेंगी.
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इटली के बीआरआई प्रोजेक्ट से हटना चीन के लिए बड़ा झटका
G7 का यह देश ‘इटली’ एकमात्र ऐसा देश था जो चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट में शामिल था. इटली ने भी पिछले साल दिसंबर 2023 में खुद को इस प्रोजेक्ट से अलग कर लिया था. इटली 2019 में इस प्रोजेक्ट का सदस्य बना था, उस वक्त इटली के प्रधानमंत्री 5 स्टार मूवमेंट के नेता ग्यूसेप कांटे थे. इटली के इस प्रोजेक्ट में शामिल होने पर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग बहुत खुश थे. यह चीन के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा था क्योंकि इटली यूरोप का एकमात्र बड़ा देश था जो इस प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ था. चीनी प्रोजेक्ट के जुड़ने पर अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों ने इटली की भरपूर आलोचना की थी. इटली-चीन बीआरआई प्रोजेक्ट में नई रेलवे बनाना और पहले से बने रेलवे को आधुनिक बनाना, बंदरगाह का विकास करना तथा अन्य कई चीजें शामिल थी ताकि यूरोप को चीन और एशिया से जोड़ा जा सके.
बीआरआई प्रोजेक्ट से फिर से जुड़ सकता है इटली
मेलोनी के इस चीनी यात्रा पर चीनी एक्स्पर्ट्स का कहना है कि इटली फिर से बीआरआई प्रोजेक्ट से जुड़ सकता है. चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि संभवत इटली बीआरआई प्रोजेक्ट से दूर होने पर अफसोस कर रहा है. मेलोनी की यह यात्रा चीन और इटली के बीच की गलतफहमियों को दूर करेगा और व्यक्तिगत रूप से बीआरआई प्रोजेक्ट पर पुनः विचार होगा. ग्लोबल टाइम्स ने यह भी कहा है कि इटली के बीआरआई प्रोजेक्ट से अलग होना केवल यह दिखाता है कि इटली बीआरआई प्रोजेक्ट से केवल और केवल अमेरिका व पश्चिमी देशों के दबाव में अलग हुआ था.
अमेरिकी और पश्चिमी देशों ने नहीं की इटली की मदद
कहा जा रहा है कि इटली कुछ सालों से मंदी का सामना कर रहा है. मेलोनी देख रही हैं कि अमेरिका और बाकी पश्चिमी देश उन पर चीन से दूरी बनाने का दबाव तो डाल रहे हैं, लेकिन बदले में वास्तविक मदद नहीं कर रहे हैं. इसी महीने इटली के इंटरप्राइजेज और ‘मेड इन इटली’ मंत्री चीन पहुंचे थे. उन्होंने चीन में कहा था कि इटली की कंपनियों के लिए चीनी बाजार बहुत जरूरी है और चीन एक अहम सहयोगी भी है. उन्होंने यह भी कहा था कि चीन और इटली के बीच हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिकल व्हीकल और सरकारी बसों के क्षेत्र में सहयोग पर बात हो रही है.
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