विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने की आवश्यकता से अवगत कराया. दोनों विदेश मंत्रियों की एक घंटे तक चली बैठक में जयशंकर ने वांग से कहा कि दोनों देशों के संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हितों पर आधारित होने चाहिए.
जयशंकर ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल तथा पूर्व की बातचीत के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच बनी समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व को भी दोहराया. उनकी यह मुलाकात वांग के भारत दौरे के करीब साढ़े तीन महीने बाद हुई. जयशंकर ने ट्वीट किया, बाली में दिन की शुरुआत चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक से हुई. यह चर्चा एक घंटे तक चली. बैठक सीमा पर स्थिति सहित द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े लंबित मुद्दों पर केंद्रित रही. छात्रों और उड़ानों सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
भारत पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर देता रहा है. भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि सीमा पर शांति समग्र संबंधों में प्रगति के लिए जरूरी शर्त है. जयशंकर ने वांग यी के साथ बैठक के दौरान भारतीय छात्रों की चीन वापसी और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को फिर शुरू करने सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. जयशंकर और वांग ने सीमा मुद्दों के समाधान के लिये दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की अगली वार्ता जल्द किसी तिथि पर आयोजित होने की उम्मीद जतायी है.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, जयशंकर ने बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की बात कही. मंत्रालय के अनुसार, विदेश मंत्री ने गतिरोध वाले कुछ क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि शेष सभी इलाकों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिये इस गति को बनाये रखने की जरूरत है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल की जा सके. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस संबंध में मंत्रियों ने दोनों पक्षों के बीच सैन्य एवं राजनयिक अधिकारियों के बीच नियमित संपर्क बनाये रखने की पुष्टि की.
दोनों मंत्रियों ने जल्द किसी तारीख पर वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली बैठक की उम्मीद भी जतायी. विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के संबंध परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और साझा हितों का ध्यान रखने पर बेहतर ढंग से आगे बढ़ सकते हैं. जयशंकर ने छात्रों की वापसी की प्रक्रिया तेज करने एवं उनकी जल्द वापसी सुगम बनाने की जरूरत पर भी बल दिया. गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने इंडोनेशिया के बाली में हैं.