पूजा पंडालों और मंदिरों पर हमले के पीछे जमात ए इस्लामी का हाथ, सोशल मीडिया ने लगायी आग
ढाका और नयी दिल्ली स्थित राजनयिकों के अनुसार सोशल मीडिया में एक अफवाह फैली कि पूजा पंडाल में मुसलमानों की धार्मिक किताब का अपमान हुआ है उसके बाद 13 अक्टूबर को कुमिला में मंडपों, पंडालों और मंदिरों पर हमले हुए थे.
दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में पूजा पंडालों और मंदिरों पर हमले की जो घटनाएं हुई हैं उनमें जमात ए इस्लामी का हाथ होने की आशंका जतायी जा रही है. इन हमलों के जरिये देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने की मंशा है और यह सबकुछ किया जा रहा है शेख हसीना की सरकार को बदनाम करने के लिए.
ढाका और नयी दिल्ली स्थित राजनयिकों के अनुसार सोशल मीडिया में एक अफवाह फैली कि पूजा पंडाल में मुसलमानों की धार्मिक किताब का अपमान हुआ है उसके बाद 13 अक्टूबर को कुमिला में मंडपों, पंडालों और मंदिरों पर हमले हुए थे. बांग्लादेश में 3,000 से अधिक पंडाल दुर्गा पूजा कर रहे हैं.
जैसे ही यह अफवाह डिजिटल मीडिया के माध्यम से फैली नोआखली, चांदपुर, कॉक्स बाजार, चटगांव, चपैनवाबगंज, पबना, मौलवीबाजारा और कुरीग्राम के आसपास के इलाकों में पंडालों पर हिंसक हमले हुए. हालांकि, ढाका, ब्राह्मणबरिया, जशोर और अन्य प्रमुख शहरों में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
शुरुआत में पुलिस ने धीमी प्रतिक्रिया दी, लेकिन भारत के उच्चायुक्त द्वारा प्रशासन से बात करने के बाद, सशस्त्र पुलिस और स्थानीय प्रवर्तन एजेंसियों की भारी तैनाती की गयी.
ढाका स्थित एक राजनयिक ने कहा ने कहा कि अक्टूबर की घटना के पीछे का लक्ष्य बांग्लादेश की सरकार की साख को तोड़ना और भारत को प्रतिक्रिया के लिए मजबूर करना था. मीडिया की खबरों के अनुसार यहां हुए दंगे में अबतक तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि कई अन्य घायल हैं. खबर में बताया गया है कि चांदपुर के हाजीगंज, चटगांव के बांसखली और कॉक्स बाजार के पेकुआ में हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाये जाने की घटनाएं भी हुई हैं.
Posted By : Rajneesh Anand