शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार का जापान में विरोध, PMO के बाहर बुजुर्ग ने खुद को किया आग के हवाले

एलडीपी ने कहा जापान में किसी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना एक दुर्लभ घटना है, लेकिन प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा है कि आबे इसके हकदार हैं, क्योंकि वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में सबसे लंबे समय तक सेवाएं देने वाले ऐसे नेता थे.

By Piyush Pandey | September 21, 2022 9:02 AM
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जापान की राजधानी तोक्यो में बुधवार तड़के एक बुजुर्ग ने कथित तौर पर अगले हफ्ते शिंजो आबे की राजकीय अंत्येष्टि के विरोध में प्रधानमंत्री कार्यालय के पास खुद को आग लगा ली. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. समाचार एजेंसी क्योदो न्यूज में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बुजुर्ग के पास से उसके द्वारा कथित तौर पर लिखा गया एक नोट बरामद हुआ है, जिसमें कहा गया है, व्यक्तिगत तौर पर मैं शिंजो आबे (जापान के पूर्व प्रधानमंत्री) का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के सख्त खिलाफ हूं.

70 साल के बुजुर्ग ने की आत्मदाह की कोशिश

खबर के अनुसार, आत्मदाह करने वाले बुजुर्ग की उम्र 70 साल से अधिक है और उसके शरीर का बड़ा हिस्सा झुलस गया है. हालांकि, वह होश में था. वहीं, पुलिस ने बताया कि बुजुर्ग ने खुद पर तेल छिड़कने के बाद आग लगा ली. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तोक्यो दमकल विभाग के एक अधिकारी ने राजधानी के कासुमिगासेकी जिले में एक बुजुर्ग द्वारा आत्मदाह किए जाने की पुष्ट की. हालांकि, उन्होंने मामले को संवेदनशील करार देते हुए संबंधित व्यक्ति की पहचान और आत्मदाह के पीछे की वजहों व परिस्थितियों के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया. तोक्यो पुलिस ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

राजकीय अंत्येष्टि को लेकर बढा विरोध

गौरतलब है कि यूनिफिकेशन चर्च से सत्तारूढ़ दल लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) और आबे के संबंधों को लेकर अधिक जानकारी सामने आने के साथ ही जापान में पूर्व प्रधानमंत्री की राजकीय अंत्येष्टि को लेकर विरोध बढ़ने लगा है. आबे की हत्या के आरोपी को भी कथित तौर पर लगता था कि उसकी मां द्वारा यूनिफिकेशन चर्च को दिए गए दान से उसका परिवार बर्बाद हो गया.

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जापान में राजकीय सम्मान एक दुर्लभ घटना

एलडीपी ने कहा है कि उसके लगभग आधे सांसद यूनिफिकेशन चर्च से जुड़े हैं. जापान में किसी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाना एक दुर्लभ घटना है, लेकिन प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा है कि आबे इसके हकदार हैं, क्योंकि वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में सबसे लंबे समय तक सेवाएं देने वाले ऐसे नेता थे, जिनके शासन में जापान ने उल्लेखनीय राजनयिक व आर्थिक उपलब्धियां हासिल कीं.

(भाषा- इनपुट)

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